हरियाणा के सूरजकुंड में राज्यों के गृह मंत्रियों के चिंतन शिविर में सीएम धामी ने कहा कि नए थानों, पुलिस चौकियों और पुलिस जवानों के आवासों के निर्माण के लिए केंद्र सरकार से एकमुश्त 750 करोड़ रुपये की सहायता का मुद्दा उठाया। और उन्होंने उत्तराखंड की आंतरिक सुरक्षा और सीमा क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए इनर लाइन प्रतिबंधों में छूट देने का भी अनुरोध किया।
बता दे कि चिंतन शिविर की अध्यक्षता केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने की। उन्होंने कहा कि सीमा सुरक्षा की दृष्टि से राज्य सरकार राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए इनर लाइन प्रतिबंधों पर छूट प्रदान किए जाने के संबंध में केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य कठिन एवं दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों से युक्त राज्य है, जिसकी अन्तर्राष्ट्रीय सीमाएं उत्तर में तिब्बत चीन एवं पूर्व में नेपाल के साथ जुड़ी हुई हैं। इस प्रकार राष्ट्रीय सुरक्षा में राज्य का सामरिक दृष्टि से अत्यन्त महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने कहा कि हमारे राज्य द्वारा कानून व्यवस्था के सुचारू रूप से संचालन के लिए संविधान के अनुच्छेद 44 जो कि समान नागरिक संहिता लागू किये जाने से सम्बन्धित है, की भावना का सम्मान करते हुये राज्य में समान नागरिक संहिता लागू किये जाने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति वर्तमान में एक विस्तृत रिपोर्ट बनाने का कार्य कर रही है। विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट आने के बाद राज्य में समान नागरिक संहिता लागू होने से राज्य में सभी धर्मों व सम्प्रदायों के निवासी लाभान्वित होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य के समक्ष सीमावर्ती क्षेत्रों से राज्य के नागरिकों द्वारा किया जाने वाला पलायन अत्यन्त चुनौतीपूर्ण रहा है, जिसे रोकने के लिए विगत 5 व 6 वर्षों में प्रभावित क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। पिथौरागढ़, उत्तरकाशी एवं चमोली में 13 सड़कों का लगभग 600 किमी निर्माण कार्य गतिमान है, जिसमें से 04 सड़कों का लगभग 150 किमी० निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण जनपद पिथौरागढ़ में नेपाल सीमा से लगे छारछुम नामक स्थान पर मैंने हाल ही में एक पुल का शिलान्यास किया, जिसके पूर्ण होने पर सीमान्त क्षेत्र के नागरिकों का आवागमन सहज एवं सुगम हो सकेगा।
उन्होंने बताया कि हिम प्रहरी योजना में राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों के 10 हजार सेवानिवृत्त सैनिकों, अर्द्धसैनिकों एवं युवाओं को सीमा सुरक्षा के संबंध में प्रशिक्षित कर उन्हें राज्य के सीमांत जिलों में तैनात किया जाएगा। इसके लिए पांच करोड़ रुपये प्रतिमाह का सहयोग केंद्र सरकार से अपेक्षित है।
जिसमें 05 करोड़ रूपये प्रतिमाह का सहयोग केन्द्र सरकार से अपेक्षित है। राज्य में आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों तथा चारधाम यात्रा एवं कांवड यात्रा में आने वाले करोड़ो तीर्थ यात्रियों की सुरक्षित यात्रा का दायित्व भी राज्य सरकार पर ही है, जिसके फलस्वरूप इस वर्ष हम 4 करोड़ शिवभक्तों को कांवड़ यात्रा व अभी तक करीब 45 लाख श्रद्धालुओं को सफलतापूर्वक चारधार यात्रा कराने में सफल हुये हैं। इन कार्यों के लिए आवश्यक सहयोग की भी हमें केन्द्र सरकार से निरन्तर आवश्यकता रहेगी।
आपदा राहत के लिए एक हेलीकाप्टर की आवश्यकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड राज्य को लगातार प्रकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ता है। बेहतर आपदा प्रबंधन के लिए आपदा प्रबंधन शोध संस्थान की जरूरत है। आपदा एवं वनाग्नि की घटनाओं में त्वरित कार्रवाई के लिए प्रदेश को यदि एक हेलीकाप्टर मिल जाता है तो यह आपदा नियंत्रण में सहायक साबित होगा।
More Stories
उत्तराखंड: अप्रैल और मई महीने में गर्मी सताएगी, मैदान से लेकर पहाड़ तक चढ़ेगा पारा
मौसम अपडेट : उत्तराखंड में मौसम 17 मार्च तक रहेगा खराब
रुद्रप्रयाग में बड़ा हादसा, हादसे में तीन युवकों की मौके पर मौत