बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में प्रदेश सरकार ने क्षमता के अनुसार प्रतिदिन दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की संख्या तय कर दी है। इस संबंध में शासन ने आदेश जारी किए हैं। यह व्यवस्था यात्रा सीजन के पहले 45 दिनों के लिए बनाई गई है। कोविड महामारी के दो साल बाद चारधाम यात्रा को लेकर लोगों में भारी उत्साह है। इस बार बहुत बड़ी संख्या में यात्रियों के चारधाम आने की संभावना है। आगामी तीन मई को अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ चारधाम यात्रा शुरू होगी। जबकि केदारनाथ के कपाट 6 मई और बदरीनाथ के 8 मई को कपाट खुलेंगे। कोरोना महामारी के चलते दो साल बाद चारधाम यात्रा पूर्ण रूप से संचालित हो रही है। इस बार चारधामों के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ने की उम्मीद है। चारधामों में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने मंदिर परिसर की क्षमता और ठहरने की व्यवस्था के आधार पर दर्शन के लिए यात्रियों की अधिकतम संख्या तय की है।
शासन ने शनिवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिए। इसके अनुसार यह व्यवस्था यात्राकाल के प्रथम 45 दिन के लिए होगी। बदरीनाथ धाम में सर्वाधिक 15000 , गंगोत्री- 7000, केदारनाथ- 12000 और यमुनोत्री में सबसे कम 4000 लोग प्रतिदिन दर्शन कर सकेंगे।
यात्रा के दौरान कोविड सम्यक व्यवहार आवश्यक है। इसके तहत मास्क व सैनिटाइजर का उपयोग अनिवार्य है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से समय-समय पर जारी कोविड प्रोटोकाल का अनिवार्य रूप से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाएगा।
रात में छह घंटे बंद रहेगा आवागमन
यात्रा के दौरान राज्य में आने वाले तीर्थ यात्रियों की जान-माल की सुरक्षा के मद्देनजर यात्रा मार्गों पर रात्रि 10 बजे से सुबह चार बजे तक वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित रहेगा। शासन द्वारा जारी आदेश में भी यह प्रविधान किया गया है।


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