मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड में शीघ्र राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय संचालित होगा। इस दिशा में सरकार के स्तर पर तेजी से प्रयास चल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने यह बात नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मुख्यमंत्रियों व उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों की संयुक्त कांफ्रेंस में कही।
उन्होंने उत्तराखंड में विधिक क्षेत्र में किए गए कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड ने पिछले पांच वर्षों में विधिक अधिकारियों का कैडर रिव्यू किया। स्वीकृत पदों की संख्या 230 से बढ़ाकर 299 की। वर्तमान में राज्य में 271 न्यायाधीश कार्य कर रहे हैं।
उत्तराखंड ने पंचवर्षीय व न्यायालय संबंधी आवश्यकताओं के संबंध में उच्च न्यायालय के साथ मिलकर एक प्रस्ताव तैयार किया है। इसे केंद्र सरकार को भेजा जा चुका है। केंद्र सरकार ने केंद्र पोषित योजना के तहत 80 करोड़ की धनराशि उत्तराखंड के लिए स्वीकृत की है। उच्च न्यायालय में सूचना प्रौद्योगिकी का विस्तार करते हुए एक तकनीकी अधिकारी के सापेक्ष 26 तकनीकी अधिकारी तैनात किए गए हैं।
सभी को सुचारू रूप से नि:शुल्क न्यायिक सेवा प्राप्त हो, इस उद्देश्य से सभी 13 जिलों में 13 सदस्य सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में नियुक्त किए। साथ ही सभी 13 जिलों में विशेष किशोर पुलिस इकाई की स्थापना की है। सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को दिए जाने वाली सुविधा के संबंध में नियमावली दिसंबर 2021 में अधिसूचित कर दी गई।
प्रदेश में दो वाणिज्यिक न्यायालय शुरू किए गए हैं। वृद्ध, बीमार और न्यायालय आने में असमर्थ व्यक्तियों की गवाही के लिए सभी 13 जिलों में मोबाइल न्यायालय वैन की सुविधा प्रारंभ कर दी गई है।
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