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जम्मू-कश्मीर के कठुआ में हुए आतंकी हमले में उत्तराखंड ने खोए अपने पांच लाल।


जम्मू-कश्मीर के कठुआ में हुए आतंकी हमले में उत्तराखंड ने अपने पांच लाल खो दिए। जवानों के पार्थिव शव जौलीग्रांट एयरपोर्ट लाए जा रहे हैं।  सरकार की ओर से मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल एयरपोर्ट जा रहे हैं। खबर के बाद से पूरे प्रदेश में शोक की लहर है। हर किसी की आंख नम है।

बलिदानियों में रुद्रप्रयाग निवासी नायब सूबेदार आनंद सिंह, लैंसडौन निवासी हवलदार कमल सिंह, टिहरी गढ़वाल निवासी नायक विनोद सिंह, रिखणीखाल निवासी राइफलमैन अनुज नेगी और टिहरी के थाती दांगल निवासी राइफलमैन आदर्श नेगी हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आतंकी हमले में पांच जवानों के वीरगति को प्राप्त होने पर सीएम धामी ने कहा कि यह हम सभी प्रदेशवासियों के लिए अत्यंत पीड़ा का क्षण है क्योंकि हमने भाई और बेटा भी खोया है। हमारे रणबाँकुरों ने उत्तराखंड की समृद्ध सैन्य परंपरा का पालन करते हुए मां भारती के चरणों में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।

जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने एक बार फिर से पुलवामा जैसा हमला किया है। इस हमले में पांच जवान शहीद हो गए। जबकि कई जवान घायल हैं। आतंकी हमले में शहीद होने वाले सभी जवान देवभूमि उत्तराखंड के हैं। इस खबर के बाद से पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई है। आतंकी हमले में 26 साल के आदर्श नेगी भी शहीद हो गए हैं। उनके बलिदान की खबर के बाद से परिवार में मातम पसर गया है।

बलिदानी राइफलमैन अनुज नेगी का परिवार रखती खाल विकासखंड के डाबरिया गांव में रहता है।  बलिदानी के दो भाई-बहन है। पिता भारत सिंह वन विभाग में दैनिक श्रमिक के पद पर काम करते हैं। जबकि मां सुमित्रा देवी ग्रहणी है। ग्राम प्रधान नंदन सिंह ने बताया कि बलिदानी अनुज की शादी बीते साल नवंबर माह में हुई थी।

वहीं कठुआ आतंकवादी हमले में बलिदान हुए 22 वर्षीय विनोद सिंह गढ़वाल राइफल में तैनात थे। बलिदानी का परिवार पिछले तीन वर्षों से डोईवाला के अठुरवाला में रह रहा है।

रुद्रप्रयाग जखोली ब्लाक के कांडा-भरदार निवासी नायब सूबेदार आनन्द सिंह रावत ने देश के लिए अपना बलिदान दे दिया। 41 वर्षीय सेना के जवान का परिवार देहरादून में रहता है। सेना द्वारा शहीद के गांव और परिवार को सूचना दे दी गई है।

पौड़ी जिले के रिखणीखाल विकासखंड के पापड़ी गांव पोस्ट धामधार के निवासी कमल सिंह तीन बहनों के इकलौते भाई थे। उनके पिता का काफी साल पहले निधन हो गया था। गांव के घर में मां सुमति देवी, पत्नी रजनी देवी अपनी तीन व पांच साल की बेटियों के साथ रहती हैं। इसी साल कमल सिंह ने बच्चों को पढ़ाने के लिए कोटद्वार में किराए पर मकान लिया था। जम्मू कश्मीर के कठुआ में आतंकी हमले की सूचना मिलते ही उनका परिवार मंगलवार तड़के गांव के लिए रवाना हो गया।

 

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