यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा से डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन सुरंग में बीते रविवार तड़के हुए हादसे में तकरीबन 40 मजदूर फंसे हैं। मजदूरों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। तकनीकी विशेषज्ञों का कहना है कि आज गुरुवार को मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा। सुरंग में फंसे 40 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए अब नई एडवांस ऑगर मशीन से ड्रिलिंग का काम शुरू हो गया है। पाइपों से एस्केप टनल तैयार कर मजदूरों को बाहर निकाला जाएगा। बीते मंगलवार को सुरंग के अंदर फंसे 40 मजदूरों को बचाने के लिए देहरादून से ऑगर मशीन मंगवाई गई थी, लेकिन क्षमता कम होने के चलते मंगलवार देर रात इसे हटा दिया गया था। जिसके बाद दिल्ली से 25 टन वजनी एक नई अत्याधुनिक ऑगर मशीन मंगवाई गई। जिसकी खेप बुधवार को सेना के तीन हरक्यूलिस विमानों से चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर उतारी गई।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि बृहस्पतिवार शाम तक नौ मीटर पाइप अंदर डाला गया है। इन पाइपों को वेल्डिंग कर जोड़ने में एक से दो घंटे का समय लग रहा है। वहीं पाइपों का एलाइनमेंट सही रखने की भी चुनौती बनी हुई है। अभी डेढ़ घंटे में मात्र तीन मीटर तक ही पाइप मलबे में डाला जा रहा है।
निर्माणाधीन सुरंग में करीब 70 मीटर तक मलबा पसरा हुआ है। जहां पर 40 मजदूर फंसे हुए हैं। ऑगर मशीन से जो पाइप अंदर डाले जा रहे हैं उसमें एक पाइप 5 मीटर तक जाने में करीब 1 घंटे का समय ले रहा है। यानि मशीन के जरिए प्रति घंटे पांच मीटर मलबा को पार किया जा सकेगा। इसके बाद इसे वेल्डिंग किया जा रहा है।
यहां पाइपों की वेल्डिंग में एक से डेढ़ घंटे का समय लग रहा है। इस तरह से आने वाले 24 से 48 घंटे अंदर फंसे मजदूरों के लिए अहम हैं। 5 दिन से सुरंग में जिदंगी की जंग लड़ रहे मजदूरों के लिए 24 से 48 घंटे ही जिदंगी की आस लेकर आ सकते हैं। इस कार्य में एलाइनमेंट का भी विशेष ध्यान रखना पड़ रहा है। जिससे किसी तरह की फिर से बाधा उत्पन्न न हो। अभी तक अंदर फंसे मजदूरों के सुरक्षित होने की बात सामने आई है।
सुरंग में आए मलबे में जैक एंड पुश अर्थ ऑगर मशीन के जरिए पहला पाइप डालने का काम शुरू हो चुका है। बता दें कि बुधवार को पीएमओ के निर्देश पर वायु सेना के तीन हरक्यूलिस विमान से हाई पावर ऑगर ड्रिलिंग मशीन नई दिल्ली से चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर पहुंचाई गई। जिसके बाद ग्रीन कॉरिडोर बनाकर घटनास्थल तक पहुंचाया गया। ड्रिलिंग का काम शुरू करने से पहले पूजा पाठ भी किया गया।
जिसके बाद से काम शुरू होते ही अब सभी को जल्द ही अच्छी खबर सामने आने की उम्मीद जगी है। एक तरफ मशीन से ड्रिलिंग का काम जारी है दूसरी तरफ अंदर फंसे मजदूरों से पाइप के जरिए कम्यूनिकेशन और उनके हालचाल पूछे जा रहे हैं। इस बीच मजदूरों को ड्राई फूट और जरुरी दवाइयां पहुंचाई जा रही है। बीच बीच में मजदूरों को परिजनों से बात कर हौंसला अफजाई की जा रही है।
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