उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सुरंग मे हुए हादसे में 40 मजदूर फंसे हुए हैं। इन मजदूरों को बचाने के लिए ऑपरेशन चलाया जा रहा है। अच्छी बात यह है कि सुरंग में फंसे सभी मजदूर सुरक्षित हैं और उनके साथ संपर्क बना हुआ है। भूस्खलन के बाद बचाव अभियान दूसरे दिन भी जारी है। बचाव दल सुरंग में 15 मीटर तक घुसने में कामयाब रहे। अभी लगभग 35 मीटर और मलबा साफ करना होगा। हालांकि फंसे हुए मजदूर सुरक्षित हैं। उन्हें पाइप के जरिए खाना और पानी के साथ ऑक्सीजन पहुंचाई गई है। हादसे के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौके पर पहुंचे हैं। यहां चल रहे राहत और बचाव कार्य का मुख्यमंत्री ने मुआयना किया।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां पर तेजी से राहत-बचाव का कार्य, मलबा हटाने का काम तेजी से चल रहा है। कंप्रेसर के माध्यम से खाने के लिए भी खाद्य सामग्री भेजी जा रही है। सभी लोग भीतर सही हैं, उनसे हमारी लगातार बातचीत हो रही है। हम आश्वस्त हैं कि जल्दी से जल्दी इस ऑपरेशन को पूरा कर लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा ने कहा कि सभी विशेषज्ञ एजेंसियां श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने का काम कर रही हैं। इस समय हमारी प्राथमिकता है कि सभी 40 श्रमिकों को बाहर निकाला जाए। हम उनके परिजनों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि केंद्र और राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। अच्छी बात ये है कि उनसे संपर्क हो गया है।
सीएम ने कहा कि जो भी विशेषज्ञ हैं उनसे बात हो रही है। राज्य सरकार और केंद्र सरकार इसको लेकर गंभीर है। प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, रेलवे मंत्री ने बात की है। प्रधानमंत्री ने विस्तार से बात की है, उन्होंने भरोसा दिया है कि हम पूरी मदद करेंगे। जो हमारे भाई अंदर हैं उनके परिवार से मैं कहना चाहता हूं कि हमारा हर संभव प्रयास है कि उनको जल्दी से जल्दी सुरक्षित बाहर निकाला जाए। हमारी पहली प्राथमिकता यह है कि सभी को जल्द से जल्द बाहर निकाला जाए। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ.रंजीत कुमार सिन्हा भी थोड़ी देर में घटना स्थल पर पहुंचेंगे। सचिव आपदा प्रबंधन भी घटनास्थल पर रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी लेंगे।
सिलक्यारा सुरंग में मजदूरों को बाहर निकालने के लिए मलबा हटाने का काम लगातार जारी है। पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल व प्रदेश की पुलिस राहत और बचाव कार्य में जुटी है। मलबा हटाने के लिए एक्सकैवेटर मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। वॉकी-टॉकी के जरिए मजदूरों के साथ संपर्क हुआ है। ये सभी लोग अंदर सुरक्षित हैं। सुरंग के भीतर पाइपलाइन के जरिए ऑक्सीजन की आपूर्ति हो रही है।
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