उत्तराखंड में खनन का काम हमेशा से जहां खनन कारोबारियों के लिए दुधारू गाय की तरह रहा है तो वहीं सरकारी तंत्र में भी खनन का घुन खासा भीतर तक लगा रहा है। यही वजह है कि चुगान की अनुमति मिलने के बाद उत्तराखंड की नदियों में खनन माफिया जेसीबी और पोकलेन उतार देते हैं।
अब इस मसले पर नैनीताल हाईकोर्ट ने भी बेहद सख्त रवैया अपनाया है। यही नहीं हाईकोर्ट ने सभी जिलों के डीएम को निर्देश दिया है कि नदी तल पर खनन में लगी मशीनों को सीज कर दिया जाए।
नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड की नदियों में मशीनों से खनन पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के बाद इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को आदेश जारी कर दिए हैं। वहीं, कोर्ट ने सचिव खनन से पूछा है कि वन विकास निगम की वेबसाइट पर प्रति कुंतल रॉयल्टी 31 रुपये और प्राइवेट खनन वालों की वेबसाइट पर 12 रुपये प्रति कुंतल कैसे है?
नैनीताल हाईकोर्ट ने इस संबंध में 12 जनवरी तक का समय दिया। 12 जनवरी तक कोर्ट में इसका जवाब दाखिल करना होगा।
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