मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि गांवों में स्वच्छता के लिए ‘मुख्यमंत्री पर्यावरण मित्र’ योजना शुरू की जाएगी। योजना के तहत प्रदेश के सभी 7700 गांवों में एक-एक पर्यावरण मित्र की तैनाती की जाएगी। इसके अलावा गांव में कैबिनेट और मुख्यमंत्री चौपाल की शुरुआत की जाएगी। वह खुद किसी गांव में जाकर चौपाल में शामिल होंगे और रात्रि विश्राम करेंगे।
प्रत्येक ग्राम सभा अपना स्थापना दिवस निर्धारित कर उसे उत्सव के रूप में मनाएगी। उत्तराखंड के सजग प्रहरी बने सीमांत गांवों के लिए मुख्यमंत्री प्रथम गांव समेकित विकास योजना शुरू करने का निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री धामी ने गुरुवार को सचिवालय में पंचायतीराज विभाग की समीक्षा के दौरान अहम निर्णय लिए। गांवों में स्वच्छता के लिए मुख्यमंत्री पर्यावरण मित्र योजना शुरू की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीते दिनों अपने माणा दौरे में सीमा पर स्थित गांवों को अंतिम गांव के स्थान पर प्रथम गांव कहा था। ऐसे प्रथम गांव के सुनियोजित विकास को मुख्यमंत्री प्रथम गांव समेकित विकास योजना चलाई जाएगी। इन गांवों की आर्थिकी मजबूत करने के लिए उद्यानिकी, पशुपालन, दुग्ध विकास, कृषि, पर्यटन जैसे तमाम क्षेत्रों के विकास की संभावनाओं को खंगाला जाएगा। साथ में गांवों में बुनियादी सुविधाओं की कमी दूर करने को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा हमारी पहली प्राथमिकता इन गांवों के विकास की होगी। हमारे गांवों में धार्मिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक आधार पर कुछ दिवस विशेष महत्व के होते हैं। बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव नितेश झा, निदेशक पंचायतीराज बंशीधर तिवारी, अपर सचिव ओंकार सिंह और पंचायतीराज विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश पर केंद्र सरकार के पोर्टल पर इसकी सूचना राज्य सरकार अपलोड कर चुकी है। मध्य प्रदेश में ‘मेरा गांव मेरा तीर्थÓ योजना की भांति उत्तराखंड में भी ग्राम सभा दिवस पर प्रवासियों को भी गांवों में आने के लिए प्रेरित किया जाएगा। रिवर्स पलायन की दृष्टि से भी इस योजना को कारगर माना जा रहा है। मुख्यमंत्री ने इन दिवसों को मनाने के लिए रोस्टर बनाने के निर्देश दिए हैं।
हर गांव के लिए मास्टर प्लान
ग्राम पंचायतों के सुनियोजित विकास को मुख्यमंत्री चौपाल योजना के अंतर्गत मुख्यमंत्री गांवों में रात्रि विश्राम करेंगे। चौपाल में जनप्रतिनिधियों के साथ ही आला अधिकारी भी सम्मिलित होंगे। गांवों की समस्याओं से अधिकारी रूबरू हो सकेंगे। चौपाल में ग्रामीणों के सुझावों को शीर्ष प्राथमिकता देते हुए गांवों के विकास की कार्ययोजना तैयार की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2025 में राज्य स्थापना की रजत जयंती मनाने तक हर गांव के लिए मास्टर प्लान बनाया जाए। अल्पकालिक एवं दीर्घकालिक लक्ष्य तय किए जाएं। सरकार की नई योजनाओं की आमजन को जानकारी हो, इसके लिए गांवों में योजनाओं की जानकारी के लिए बोर्ड लगाए जाएं।
बैठक में विभागीय मंत्री सतपाल महाराज ने ग्राम प्रधानों को आपदा निधि के लिए 10-10 हजार रुपये देने का मुद्दा उठाया। मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव पर विचार करने का आश्वासन दिया।
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