भारतीय सेना देहरादून के महिंद्रा ग्राउंड में देश का पहला ऑल एज-ऑल वेदर रनिंग ट्रैक बनवा रही है। खास बात ये है कि इस ट्रैक में लगने वाली टाइल्स और शेड को प्लास्टिक वेस्ट मटीरियल यानी प्लासिटक के कूड़े से बनाया जा रहा है। यह ट्रैक 850 मीटर लंबा होगा। पिछले कुछ महीने से काम में तेजी आई है। यह देश का अपनी तरह का पहला ऑल एज ऑल वेदर रनिंग ट्रैक होगा जिसमें प्लास्टिक वेस्ट मटीरियल का इस्तेमाल हो रहा है। ट्रैक बनाने के लिए कैंट क्षेत्र से प्लास्टिक कचरा एकत्र कर इसे रिसाइकिल के लिए एक कंपनी को भेजा जाता है। कंपनी शेड, टाइल्स, बोर्ड आदि बनाकर भेजती है। सेना के अधिकारियों ने बताया कि ट्रैक बनने से सबसे ज्यादा फायदा युवाओं को होगा।
पिछले कुछ माह से इसका काम तेजी से चल रहा है। सेना के एक कर्नल रैंक के अधिकारी ने बताया कि बनने के बाद इसका इस्तेमाल सभी वर्ग और आयु के लोग दौड़ने व टहलने के लिए कर सकते हैं। उनका दावा है कि यह देश का अपनी तरह का पहला ऑल एज ऑल वेदर रनिंग ट्रैक होगा जिसमें प्लास्टिक वेस्ट मैटेरियल का इस्तेमाल हो रहा है।
रनिंग ट्रैक को आधुनिक तरीके से बनाया जा रहा है ताकि सभी आयु के लोग आसानी से गर्मी, सर्दी और बरसात में इसका इस्तेमाल कर सकें। इसका सबसे ज्यादा फायदा युवाओं को होगा। बरसात में अक्सर बारिश के चलते वे अभ्यास नहीं कर पाते। इस ट्रैक पर रोजाना अभ्यास कर सकेंगे।
ग्राउंड में ट्रैक किनारे जगह-जगह बेंच लगाने की भी योजना है। ये बेंच भी प्लास्टिक वेस्ट मैटेरियल से तैयार की गई हैं। बुजुर्गों को ध्यान में रखते हुए बेंच लग रही है ताकि थकने के बाद वे बैठकर आराम कर सके। ग्राउंड में प्लास्टिक वेस्ट से तैयार एक मोबाइल टॉयलेट की भी व्यवस्था की गई है।
सेना के कर्नल रैंक के अधिकारी ने बताया कि इस ग्राउंड में मैराथन के साथ ही अन्य आयोजन भी होंगे। ट्रैक के किनारे डिस्प्ले लगाने की योजना है ताकि दौड़ते समय पता चल सके कि कितनी दौड़ लगा ली है। डिस्पले के माध्यम से युवाओं को जागरूक करने का भी प्रयास किया जाएगा ताकि वे अच्छी दौड़ कर सकें। ग्राउंड में चारों तरफ से सोलर लाइट लगाने की भी योजना है।
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