इस बार दीपावली के अगले दिन अमावस्या और सूर्यग्रहण होने के कारण आज यानी मंगलवार 25 अक्तूबर को कोई त्योहार नहीं मनाया गया। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, ऐसा संयोग 27 साल बाद देखने को मिला है। ज्योतिष त्रिभुवन उप्रेती ने बताया कि यह ग्रहण भारतवर्ष सहित मध्य पूर्व, पश्चिम एशिया आदि स्थानों पर दिखाई दिया। इसका सूतक प्रभाव प्रात: काल इसी दिन 4:28 बजे से शुरू हो गया था। उत्तराखंड में लोग सूर्य ग्रहण को देखने के लिए काफी उत्साहित दिखाई दिए।
मठ मंदिरों के कपाट बंद
मंगलवार को तीर्थ नगरी हरिद्वार के सूर्य ग्रहण के चलते मठ मंदिर सुबह ब्रह्म मुहूर्त से ही बंद कर दिए गए। ग्रहण का सूतक लगने के कारण सुबह की गंगा आरती हरकी पैड़ी पर नहीं हुई। हरिद्वार में सूर्य ग्रहण शाम 4:28 से 6:27 तक रहा।
सूतक लगने के 12 घंटे पहले हरिद्वार के सभी मंदिरों को श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया। सूर्य ग्रहण समाप्ति के बाद मंदिरों को स्नान करा कर श्रद्धालुओं के लिए कपाट खोले जाएंगे।

उसी के बाद श्रद्धालु मंदिरों के दर्शन कर सकेंगे। ज्योतिषियों का कहना है कि सूर्य ग्रहण काल के दौरान सोना, खाना-पीना नहीं चाहिए। सूर्य ग्रहण के समय अपने गुरु, इष्ट देवता और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
वहीं ग्रहण के दौरान लोग गंगा स्नान के लिए हर की पैड़ी पहुंचे और यहां पर भजन कीर्तन व माला जपते नजर आए। साधु संत भजन कीर्तन करते दिखाई दिए।
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