अंकिता भंडारी हत्याकांड में आज रविवार को भी लोगों को गुस्सा फूट पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने अंकिता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग रखकर श्रीनगर नेशनल हाईवे पर जाम लगा दिया। इससे पहले अंकिता के पिता और भाई ने अंतिम संस्कार करने से मना करते हुए पोस्टमार्टम रिपोर्ट की मांग की थी।
प्रदर्शनकारियों ने उत्तराखंड सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मांग की है कि दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। आरोप लगाया कि सरकार ने साक्ष्य मिटाने के लिए रातोंरात ही वनंतरा रिजॉर्ट पर बुलडोजर चलवा दिया था। अंकिता के भाई अजय भंडारी का आरोप है कि अंकिता को नदी में फेंकने से पहले उसके साथ मारपीट भी गई थी।
शनिवार को एम्स के चार चिकित्सकों के पैनल ने अंकिता भंडारी के शव का पोस्टमार्टम किया। प्राथमिक पीएम रिपोर्ट में चिकित्सकों के मुताबिक अंकिता के शरीर पर किसी ब्लंट ऑब्जेक्ट (बिना धार की वस्तु) से की गई चोट के निशान मिले हैं।
रिपोर्ट में पानी डूबने से खून में ऑक्सीजन का स्तर कम होने को अंकिता की मौत का कारण बताया गया है। वहीं, जब अंकिता के शव को नहर से निकाला गया तो उसकी एक आंख भी बाहर निकली हुई थी। लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसका जिक्र नहीं है।
सोमवार को एम्स लक्ष्मणझूला थाना पुलिस को अंकिता के शव के पोस्टमार्टम की अंतिम रिपोर्ट मिल जाएगी। अंतिम रिपोर्ट में ही दुष्कर्म होने या न होने की पुष्टि हो पाएगी। पुलिस भी पोस्टमार्टम की अंतिम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट को सीधे कोर्ट में पेश किया जाएगा। नियमानुसार रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है।
इस पूरे मामले में सबसे हैरानी की बात यह है कि एम्स प्रशासन का कहना है कि अंकिता के पोस्टमार्टम की प्राथमिक रिपोर्ट पुलिस को सौंप दी गई है।
वहीं रुद्रप्रयाग में शनिवार को अखिल भारतीय विद्याथी परिषद, एनएसयूआई, यूथ कांग्रेस सहित अन्य कई छात्र संगठनों ने जिला मुख्यालय में प्रदर्शन किया। छात्र नेता संपन्न नेगी, नीरज कप्रवाण आदि का कहना था कि अब पहाड़ में भी बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। आज भी छात्रों ने फांसी की मांग की।
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