मैदान से लेकर पहाड़ तक पिछले कई दिनों से गर्मी की तपिश झेल रहे लोगों के साथ ही वनाग्नि से धधक रहे जंगलों को बचाने में जुटे वन विभाग के कर्मचारियों के लिए यह खबर राहत देने वाली है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ के एक बार फिर सक्रिय हो गया है।
पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के साथ ही स्थानीय स्तर पर हवाओं के दबाव के चलते जहां तीन मई को राजधानी दून समेत मैदान से लेकर पहाड़ तक जबरदस्त बारिश की संभावना है, वहीं अगले 48 घंटे में राज्य के पर्वतीय इलाकों में तेज गर्जना के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।
गर्मी की तपिश जिस तरह से बढ़ रही है, उससे जंगल में आग लगने की घटनाओं में इजाफा हो रहा है। पिछले पांच दिन से चकराता छावनी क्षेत्र के सेंट्रल फारेस्ट में आग लग रही है। सुबह कैंट बोर्ड के पोलो ग्राउंड के पास जंगल में आग लग गई। रावना क्षेत्र से शुरु हुई आग पोलो ग्राउंड तक पहुंच गई। जंगल में पहुंची आग को बुझाने के लिए कैंट र्किमयों के साथ सेना के जवानों को भी लगना पड़ा।
दिन में बारिश होने जैसे मौसम बना, लेकिन बारिश न होने पर जंगल की आग बुझाने में कोई मदद नहीं मिली। रेंजर कैंट अमित साहू का कहना है कि कैंट कर्मचारी लगातार 5 दिन से आग बुझाने में जुटे हुए हैं, क्योंकि बुझाई गई आग के बाद भी जंगल फिर से सुलग जा रहे हैं। जंगल में आग लगने की वजह से कर्मचारी अपने घर तक नहीं जा पा रहे हैं। देर रात तक टीम आग बुझाने में जुटी रही।
दून के आसमान में जहां बादल छाए रहेंगे, वहीं पर्वतीय इलाकों में उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग और बागेश्वर में तेज गर्जना के साथ हल्की से मध्यम बारिश की पूरी संभावना है। उन्होंने बताया कि बारिश के साथ ही तेज गर्जना के साथ बिजली गिरने की भी पूरी संभावना है। कुछ इलाकों में 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाओें के चलने की भी संभावना है। मौसम के बदले मिजाज के चलते अगले 48 घंटे में मैदान से लेकर पहाड़ पर तापमान में भी गिरावट दर्ज की जाएगी, जिसके चलते गर्मी से थोड़ी राहत मिलेगी।
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