उत्तराखंड में इस साल बिजली संकट गहराने के बाद सरकार को केंद्र में डंप पड़े दस हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट की याद आ गई है। ये दस प्रोजेक्ट ऐसे हैं, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट की इम्पावर्ड कमेटी भी हरी झंडी दे चुकी है। गर्मी बढ़ने के साथ ही बिजली की मांग में भी इजाफा हुआ है।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय, केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की भी एनओसी मिल चुकी है। सिर्फ केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय का अड़ंगा लगा हुआ है। मंत्रालय की इन आपत्तियों को दूर करने और सुप्रीम कोर्ट में मजबूत पैरवी किए जाने को लेकर सरकार ने होमवर्क शुरू किया ।
गर्मी बढ़ने के साथ ही प्रदेश में बिजली की खपत बढ़ती जा रही है। शनिवार के लिए ऊर्जा निगम ने बिजली की रिकॉर्ड 48.32 मिलियन यूनिट डिमांड अपेक्षित की है। इसके सापेक्ष बिजली खरीदने के बावजूद साढ़े तीन मिलियन यूनिट बिजली की कमी है, जिस वजह से शनिवार को भी ग्रामीण, कस्बों, छोटे शहरों में दो से चार घंटे तक की कटौती हो सकती है। राज्य और केंद्र से कुल 31.66 एमयू बिजली उपलब्ध हो पाई। इस कमी को दूर करने को 13.34 एमयू बिजली बाजार से खरीदी गई है।
राज्य में लगातार चार दिन से फर्नेश उद्योगों को छोड़ कर अन्य सामान्य उद्योगों को बिजली कटौती से राहत दी जा रही है। यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने दावा किया कि चार दिन से उद्योगों में कोई बिजली कटौती नहीं की गई है। शासन ने उद्योगों को कटौती से मुक्त रखने के निर्देश दिए हैं।
बिजली खर्च कम किए जाने को यूपीसीएल मैनेजमेंट ने आम जनता से अपील की है। ऑफिसों के लिए गाइडलाइन जारी की है। यूपीसीएल के सभी ऑफिसों के लिए जारी निर्देश में कहा गया है कि किसी भी ऑफिस में एसी 11 बजे के बाद ही चलाया जाए। पंखा, ट्यूबलाइट, फ्रिज, एसी का इस्तेमाल ध्यान से किया जाए।
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