तीर्थ पुरोहितों को मनाने और पीएम नरेंद्र मोदी के दौरे की तैयारियों का जायजा लेने को सीएम पुष्कर सिंह धामी बुधवार को केदारनाथ धाम जाएंगे। उनके साथ कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और स्वामी यतीश्वरानंद भी रहेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी के दौरे को देखते हुए सरकार अतिरिक्त सतर्कता बरत रही है। केदारनाथ धाम में जिस तरह सोमवार को पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत का जबरदस्त विरोध हुआ, उसे लेकर सरकार सतर्क हो गई है।
न सिर्फ त्रिवेंद्र रावत, बल्कि केदारनाथ धाम में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत का भी विरोध हुआ था। तीर्थ पुरोहितों ने तीन नवंबर को केदारनाथ धाम कूच का भी ऐलान किया है। इन तमाम परिस्थितियों को देखते हुए डैमेज कंट्रोल की तैयारी शुरू हो गई है। कमान स्वयं सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अपने हाथ में संभाली है।
वे बुधवार को केदारनाथ धाम रवाना हो रहे हैं। वे वहां मोर्चा खोले बैठे तीर्थ पुरोहितों से बात करेंगे। उनके रोष को शांत कराएंगे। इसके साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी के दौरे की तैयारियों को भी परखेंगे। तीर्थ पुरोहितों के विरोध के बीच सीएम के इस दौरे को बेहद अहम माना जा रहा है। इसे सरकार की ओर से तीर्थ पुरोहितों की मान मनोव्वल के एक बड़े प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि सीएम पुष्कर धामी केदारनाथ में पीएम नरेंद्र मोदी के दौरे की तैयारियों का जायजा भी लेंगे। इसके साथ ही नाराज तीर्थ पुरोहितों से भी बात की जाएगी। वहां उनके लिए आवास बनकर तैयार हो चुके हैं, जिन्हें तीर्थ पुरोहितों को समर्पित किया जाएगा।
वहीं दूसरी ओर, केदारनाथ धाम में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को देवस्थानम बोर्ड के मुद्दे को लेकर जबरदस्त विरोध का सामना करने के ठीक एक दिन बाद पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी समेत पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू सहित पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने मंगलवार को केदारनाथ धाम के दर्शन किए। मंगलवार सुबह सभी नेता पूर्व सीएम हरीश रावत के आवास पर पहुंचे थे। वहां उन्होंने काफी देर तक दोनों प्रदेशों में राजनीति हालात पर भी चर्चा की। पीएम नरेंद्र मोदी 05 नवंबर को केदारनाथ धाम में दर्शन के लिए आ रहे हैं।
पंजाब के नेताओं ने केदारनाथ धाम में पूजा-अर्चना भी की। बीते रोज केदारधाम में हुए भाजपा नेताओं के कड़े विरोध के बाद कांग्रेस नेताओं का दौरा काफी अहम माना जा रहा है। तीर्थ-पुरोहितों ने काले झंडे दिखाने के साथ ही त्रिवेंद्र के खिलाफ नारेबाजी भी की थी। विरोध-प्रदर्शन के चलते पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र को केदारनाथ के दर्शन किए बगैर वापस लौटना पड़ा।
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मंत्री डॉ.धन सिंह रावत और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का भी घेराव किया। पूर्व सीएम हरीश रावत ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए देवस्थानम बोर्ड को तत्काल प्रभाव से रद करने की मांग भी उठाई है। रावत ने कहा कि भाजपा सरकार कई सालों से चल रहे तीर्थ-पुरोहितों के अधिकार पर प्रहार करने में जुटी हुई है।
त्रिवेंद्र सिंह रावत के बाद सुबह साढ़े नौ बजे कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक केदारनाथ धाम पहुंचे। पुरोहितों ने इन्हें भी मंदिर परिसर में घेरकर नारेबाजी की। इस दौरान कुछ लोगों ने धन सिंह रावत के कपड़ों पर भी हाथ डाल दिया। हालांकि मंत्री डॉ.धन सिंह और मदन कौशिक ने बाबा केदार के दर्शन किए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 05 नवंबर को केदारनाथ दौरे से पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी और प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक सोमवार शाम को नई दिल्ली पहुंचे थे। सूत्रों की मानें तो देवस्थानम बोर्ड पर सरकार अब जल्द फैसला ले सकती है। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने पार्टी हाईकमान के समक्ष देवस्थानम बोर्डका मुद्दा जरूर उठाया होगा। सूत्रों ने बताया कि देवस्थानम बोर्ड को लेकर तीर्थ-पुरोहितों के लगातार चल रहे विरोध के मद्देनजर सीएम पुष्कर धामी बड़ा फैसला भी ले सकते हैं। तीर्थ पुरोहित बोर्ड को भंग करने के दबाव बना रहे हैं, जबकि सरकार सुधारात्मक कदम उठाने का वादा कर रही है। माना जा रहा है कि फिलहाल बोर्ड को स्थगित भी किया जा सकता है।
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