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बारिश,आपदा और टूटी सड़कों की वजह से पहाड़ों पर कारोबार हुआ चौपट। 


उत्तराखंड में पिछले दिनों भारी बारिश के बाद आई आपदा से पुल टूटने से लेकर सड़कें बहने के साथ ग्रामीणों की जान भी गई। आपदा का दंश न सिर्फ ग्रामीण झेलने को मजबूर हो रहे हैं, बल्कि व्यापारी वर्ग को भी इसका खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है। चिंता की बात है कि ट्रैफिक बाधित और लोगों में डर की वजह से पर्यटकों ने भी टूरिस्ट स्पॉट्स से मुंह मोड़ना शुरू कर दिया है। बंद सड़कों की वजह से पहाड़ पर कारोबार भी चौपट हो गया है।

चम्पावत जिले के पहाड़ी क्षेत्र के व्यापार पर बंद आंतरिक सड़कें गहरा असर डाल रही हैं। बड़ी संख्या में आंतरिक सड़कों के बंद होने से ग्रामीणों को बाजार पहुंचने में दिक्कत हो रही है। इससे यहां का बाजार बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। दीप पर्व नजदीक हैं, लेकिन बाजार में सुनसानी है। व्यवसायियों का कहना है कि इस बार व्यापार में पिछले वर्ष की तुलना में 75 फीसद कमी आई है।

दरअसल बीते 18 अक्तूबर को बारिश से पहाड़ी क्षेत्र की 120 आंतरिक सड़कें बंद हो गई थी। इनमें से कई सड़कें अभी भी बंद चल रही हैं। इसका पहला असर बीते 24 अक्तूबर को मनाये गए करवाचौथ पर देखने को मिला। व्यापारियों का कहना है कि सड़क बंद होने से ग्रामीण क्षेत्र से महिलाएं खरीदददारी के लिए बाजार नहीं पहुंच सकी।  इसके बाद व्यापारियों को दीपावली पर्व पर बेहतर व्यापार होने आस थी।

लेकिन अब दीपावली में महज पांच दिन बचे हैं। लेकिन अब तक ग्रामीण क्षेत्रों से लोग बाजार में खरीददारी के लिए नहीं पहुंच सके हैं। व्यापारियों का कहना है कि बीते लंबे समय से करवाचौथ से ही दीपावली को लेकर तैयारियां शुरू हो जाती थी। लेकिन इस बार व्यापार में 75 फीसद तक की कमी आ गई है। उनका कहना है आंतरिक सड़कों के बंद होने से ग्रामीण खरीददारी के लिए बाजार नहीं पहुंच पा रहे हैं। इससे व्यापार मंदा चल रहा है।

लाखों रुपये का सामान लाए हैं व्यापारी
करवाचौथ और दीपावली को  व्यापारी हर वर्ष की तरह इस बार भी लाखों का सामान लाए हैं। व्यापारी एनडी जोशी, हरीश सक्टा, मुकेश पांडेय, प्रकाश पांडेय, इंद्र सिंह भंडारी, बबलू पांडेय, देव जुकरिया, भैरव दत्त जोशी, रमेश थ्वाल और जीवन जोशी ने बताया कि करवाचौथ के दौरान बिक्री नहीं होने से परेशानी हुई।

मड़कनाली-सुरखालपाठक सड़क के लिए ग्रामीण 111 दिनों से धरने पर डटे हैं। बावजूद इसके उनकी सुध अब तक नहीं ली गई। ग्रामीणों ने कहा अपने ही देश में उनसे प्रवासियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है। इतने दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन आज तक न तो प्रशासन हमारी परेशानी जानने यहां पहुंचा और न ही जनप्रतिनिधि।

शनिवार को सड़क की मांग पर दान सिंह भंडारी व जगत सिंह रावत धरने पर डटे रहे। समर्थन में पहुंचे ग्रामीणों ने सरकार व प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। कहा उनके आंदोलन को 111 दिन हो गए हैं। इस मौके पर सड़क निर्माण संघर्ष समिति के अध्यक्ष ललित सिंह बिष्ट, विक्रम सिंह, केदार सिंह, केशर सिंह, पुष्कर सिंह भंडारी, महेश, किशन सिंह रावत, संतोष भंडारी सहित कई लोग शामिल रहे।

मुनस्यारी। बागेश्वर में दुर्घटना के बाद मुनस्यारी के पर्यटन कारोबारियों की मुश्किल बढ़ गई है। घटना के बाद पर्यटन नगरी के कई होटलों की बुकिंग कैंसिल हो गई है, जिससे कारोबारियों को खासा नुकसान झेलना पड़ रहा है। मुनस्यारी पहुंचने के लिए पर्यटक बदहाल सड़कों के बीच जोखिम उठाने से परहेज करने लगे हैं, जिसकी सीधी मार पर्यटन कारोबार पर पड़ने लगी है।

पिछले दिनों मुनस्यारी से वापस लौट रहे पर्यटकों का वाहन बागेश्वर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें पांच पर्यटकों की मौत हो गई। इस घटना के बाद कई पर्यटकों ने बुकिंग कैंसिल कर दी है, जिससे मुनस्यारी के होटल कारोबारियों को खासा नुकसान झेलना पड़ रहा है। होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष जगदीश रावत ने कहा दुर्घटना के बाद 50 से अधिक बुकिंग कैंसिल हो गई हैं।

बुकिंग कैंसिल कराते समय आसनसोल के पर्यटक सुधीर बंदोपाध्याय ने कहा घटना का बेहद दु:ख है। कहा मुनस्यारी की प्राकृतिक सुंदरता अद्भुत है, जिसे निहारने हर कोई यहां आना चाहेगा। लेकिन पिछले दिनों हुई घटना से डर का माहौल है। कहा जब सड़कें दुरुस्त होंगी, तब मुनस्यारी आएंगे। इन हालातों में परिवार के साथ जान का जोखिम नहीं ले सकते।

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