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सपनो का चांठी-डोबरा पुल बनकर तैयार


करीब डेढ़ दशक के इंतजार के बाद वो घड़ी आ गयी है, जिसकी टिहरी झील प्रभावित टिहरी-उत्तरकाशी जिलों के लोग लम्बे समय से मांग कर रहे थे. करीब ढाई लाख आबादी के लिए बेहद जरुरी डोबरा चांटी पुल तैयार होने जा रहा है. इसके साथ टिहरी झील पर बन रहा यह 440मीटर का पुल एशिया के सबसे लम्बे पुल के रूप में दर्ज हो जायेगा. अगले महीने से इस पुल पर आवाजाही शुरू हो जाएगी इतना ही नहीं अगले महीने से इस पुल पर सभी प्रकार के वाहन आवाजाही कर सकेंगे. आपको बता दें कि इस पुल के लिए राज्य सरकार ने 135 करोड़ रूपये स्वीकृत किये थे लेकिन अबतक 300 करोड़ खर्च हो चुके हैं.

टिहरी डेम बनने के कारण लम्बे समय से मुख्य संपर्क माग से अलग थलग पड़े प्रतापनगर और उत्तरकाशी जिले के गाजणा पट्टी में ख़ुशी की लहर है. और हो भी क्यों ना आखिर कार करीब ढाई लाख आबादी के लिए बन रहे चांठी-डोबरा पुल को जोडऩे का काम तेजी से जो चल रहा है. PWD की कार्यदायी संस्था प्रिल वीकेजेए एंड एमबीजड़ ने मुख्य पुल के डोबरा और चांठी साइड से पांच-पांच मीटर लंबी, आठ-आठ मीटर चौड़ी 20-20 प्लेटें (पैनल) और करीब 480 सस्पेंडर जोड़ दिए हैं, जबकि बाकी 48 प्लेटें और पांच सौ सस्पेंडरों को जोडऩे का काम चल रहा है. आपको बता दें कि पुल निर्माण पर करीब दो अरब 40 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं.

झील के ऊपर आरएल 850 मीटर की ऊंचाई पर बने रहे पुल के 20-20 टन के 24 रस्सों (रोप), पांच-पांच मीटर के अंतराल में झील की तरफ क्लैंप, डोबरा साइड 260 मीटर की आरसीसी, चांठी की तरफ 25 मीटर एप्रोच पुल, 58-58 मीटर के चार टॉवरों का निर्माण और सात सौ मीटर कैटवॉक आदि काम किया जा चुका है. टिहरी बांध प्रभावित क्षेत्र प्रतापनगर, के लोगों के आवागमन लिए वर्ष 2006 से निर्माणाधीन चांठी-डोबरा पुल का काम पूरे होने की उम्मीद जगी है. उम्मीद है कि अक्तूबर तक पुल की प्लेटें आपस में जुड़ गया है. , जबकि इसी महीने या अगले महीने के बीच अन्य अवशेष कार्यों के निपटने के बाद पुल जनता को समर्पित किया जाएगा.

वर्ष 2018 में इसका काम पूरा होने को था तब इसमें तकनीकी खराबी आ गई. इस कारण इसके बनने में थोड़ा विलंब हुआ। अब इसका काम तकरीबन पूरा हो चुका है। सितंबर से इस पुल पर वाहनों के आवागमन शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है। इस पुल पर अभी तक तीन अरब रुपये खर्च हो चुके हैं। इस पुल से एक बड़ी आबादी को लाभ मिलेगा। इस कारण सरकार की नजरें भी इसके पूरा होने पर टिकी हुई हैं। यह देश का सबसे लंबा झूला पुल भी है। यही कारण है कि प्रदेश सरकार इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों कराना चाहती है.संभावना है इसके साथ ही प्रधानमंत्री ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के पहले स्टेशन योगनगरी, ऋषिकेश का भी लोकार्पण करेंगे।

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