पर्यटकों के लगातार बढ़ते दबाव और जिले में पुलिसकर्मियों की कमी के कारण, डीएम के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने एक अजीबोगरीब फरमान जारी किया है। 7 से लेकर 13 जून तक डयूटी करने के निर्देश दिए गए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार डीईओ बेसिक की ओर से जारी आदेशों के मुताबिक पांच शिक्षकों को नैनीताल जिले में ट्रैफिक जाम के निराकरण के लिए नामित किया है।
नैनीताल जिले में ट्रैफिक की समस्या गंभीर बनी हुई है। आए दिन ट्रैफिक सिस्टम चरमरता हुआ नजर आता है। इसके लिए प्रशासन की ओर से एक पहल करते हुए शिक्षा विभाग के कर्मचारियों का सहयोग लेने की बात सामने आई है। इसकी एक प्रमुख वजह पुलिसकर्मियों की कमी को भी बताया जा रहा है।
जिसके बाद राजकीय शिक्षक संघ इसके विरोध में उतर आया है। यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए बीते दिनों डीएम वंदना सिंह ने अधिकारियों की ड्यूटी एंट्री प्वाइंटों पर लगाई थी। डीईओ (माध्यमिक) पुष्कर लाल टम्टा ने रूसी बायपास पर ड्यूटी की।
डीईओ बेसिक की ओर से जारी आदेशों के मुताबिक पांच शिक्षकों को नैनीताल जिले में ट्रैफिक जाम के निराकरण के लिए नामित किया है। ये शिक्षक सुबह सात बजे से दोपहर दो बजे तक ट्रैफिक व्यवस्था का जिम्मा संभालेंगे। इनमें सहायक अध्यापक एलटी दान सिंह बिष्ट, आशीष साह, महिपाल चंद्र, वरिष्ठ सहायक जगदीश सिंह नेगी, कनिष्ठ सहायक अंकित चंद्र शामिल हैं।
शिक्षकों ने किया आदेश का विरोध
शिक्षकों का कहना है कि उनकी पठन-पाठन के अलावा चुनाव, जनगणना, पशुगणना जैसे कई कामों में शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जाती है। यातायात नियंत्रण में शिक्षकों की ड्यूटी लगाने के लिए राजकीय शिक्षक संघ की जिला इकाई ने विरोध दिखाया है। नैनीताल जिला के राजकीय शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष डॉ. विवेक पांडेय का कहना है कि पहले ही शिक्षकों को कई अतिरिक्त कार्य दिए गए हैं, जिससे स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई पर प्रभाव पड़ रहा है। अब छुट्टियों में यह नई जिम्मेदारी देना कर्मचारियों का शोषण है, शिक्षक संघ इसका विरोध करता है।
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