चारधाम यात्रा शुरू होने के 16 दिन में 56 तीर्थयात्रियों ने दम तोड़ दिया। इसमें 50 साल से अधिक आयु के 40 यात्री शामिल हैं।उत्तराखंड सरकार की ओर से तीर्थयात्रियों से लगातार सुरक्षित यात्रा की अपील की जा रही है। हेल्थ चेकअप कराकर ही यात्रा करने का अनुरोध किया जा रहा है। दिल की बीमारी से ग्रसित लोगों को यात्रा से परहेज करने को कहा गया है। इसके बाद भी अपने रिस्क पर यात्रा करने वालों की संख्या कम नहीं हो रही है। यात्रा शुरू होने के महज 15 दिनों में मौत का आंकड़ा 50 पार जाने के बाद कई सवाल उठने लगे हैं।
चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री यमुनोत्री उच्च हिमालयी क्षेत्रों में स्थित हैं। जहां पर ठंड के साथ ही ऑक्सीजन की कमी से सांस से संबंधित दिक्कतें आती है। 10 मई से शुरू हुई चारधाम यात्रा में 15 दिनों में हृदय गति रुकने, पल्मोनरी एडिमा, हाईपोथर्मिया (शरीर का तापमान कम होने पर हृदय गति रुक जाती है) और सिर पर गंभीर चोट से 52 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है। इसके बाद से सभी धर्मों में रिकॉर्ड भीड़ उमड़ रही है।
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