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Hit And Run law Protest: गढ़वाल विक्रम टेंपो वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से सर्वसम्मति से तीन जनवरी को भी ऑटो और विक्रम संचालित न करने का लिया फैसला।


केंद्र सरकार की ओर से हिट एंड रन को लेकर बनाए जा रहे नए कानून के विरोध में वाहन चालक सड़क पर उतरे हैं। गढ़वाल विक्रम टेंपो वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से सर्वसम्मति से दो और तीन जनवरी को ऑटो और विक्रम संचालित न करने का फैसला लिया गया। हड़ताल के चलते लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

इस बीच संगठनों का कहना है कि काले कानून के खिलाफ वे अपने ड्राइवरों के साथ हैं। उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार हिट एंड रन कानून स्थगित करे। इस बीच देहरादून में व्यावसायिक वाहनों व रोडवेज कर्मचारियों के संगठनों का महासंघ बनाया गया है।जिसका सूर्यकांत धस्माना को संयोजक बनाया गया है। सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि 4 जनवरी को आगे की रणनीति तैयार होगी। बता दें कि ड्राइवर एक से तीन जनवरी तक हड़ताल पर हैं।

हिट एंड रन कानून के खिलाफ आक्रोशित ट्रक व अन्य व्यावसायिक वाहनों की अप्रत्याशित हड़ताल को देखते हुए केंद्र व राज्य सरकार ने आज रोडवेज सहित तमाम व्यावसायिक वाहनों के संगठनों को वार्ता के लिए बुलाया। जिसमें परिवहन सचिव व गढ़वाल कमिश्नर ने आंदोलनकारियों को समझाने की कोशिश की।

बैठक में संयोजक सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा बिना चर्चा किये इतना कठोर कानून पास किये जाने से देश भर के ड्राइवरों के मन में भय व भ्रांतियां दोनों हैं और यह आंदोलन स्वतः स्फूर्त है जिसकी किसी ने कॉल नहीं दी।

उन्होंने कहा कि हमारे संगठन अपने ड्राइवरों के साथ हैं और सरकार को चाहिए कि इस कानून को तत्काल स्थगित रखने की घोषणा करे। उन्होंने कहा कि अगर हमारे चालक हड़ताल में हैं तो हम भी उनकी हड़ताल में शामिल हैं और हमारा पूरा नैतिक समर्थन उनके साथ हैं।

रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद व देहरादून ट्रक ऑपरेटर यूनियन के संरक्षक सूर्यकांत धस्माना को सभी व्यावसायिक वाहन संगठनों के पदाधिकारियों ने परिवहन व्यावसायिक संघर्ष समिति का संयोजक नियुक्त किया।

ऑल ओवर ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर राव अखलाक ने कहा कि ऑल इंडिया मोटर कांग्रेस के बैनर तले ट्रक चालक आज भी हड़ताल पर है। कहा कि सरकार ने 10 साल की सजा और पांच लाख रुपये का जुर्माने का प्रावधान वापस नहीं लिया तो मजबूरन हड़ताल करनी होगी। अकेले उत्तराखंड में पांच हजार से ज्यादा वाहनों के पहिए जाम हो जाएंगे।

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