उत्तराखंड में बारिश जमकर कहर बरपा रही है। जगह जगह भूस्खलन और नदियों, नालों के उफान पर होने से भारी नुकसान हो रहा है। पानी के तेज बहाव से कई जगह संपर्क मार्ग पुल बहने की खबरें सामने आ रही है। इसी तरह की घटना मदमहेश्वर घाटी से सामने आई। जहां पुल बह जाने से 250 से ज्यादा पर्यटकों और लोगों के फंसे होने की खबरें सामने आई। जिसके बाद स्थानीय लोगों की मदद से हेलीपैड तैयार किया गया और अब हैलीकॉप्टर से सभी को धीरे धीरे रेस्क्यू किया जा रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार रूद्रप्रयाग के मदमहेश्वर घाटी में अतिवृष्टि के कारण ग्राम गौंडार में बणतोली स्थान पर पैदल मार्ग को जोड़ने वाला पुल और मार्ग का कुछ हिस्सा बहने के कारण सम्पर्क मार्ग टूट गया। जिससे वहां गये यात्री और स्थानीय लोग फंस गये थे। सूचना के बाद एसडीआरएफ और डीडीआरएफ की टीमें वहाँ पहुंची। जो कि विगत दिन से 52 लोगों को सुरक्षित निकाला चुकी है।
रेस्क्यू अभियान में प्रशासन, आपदा प्रबंधन, पुलिस के साथ एसडीआरएफ और स्थानीय ग्रामीणों ने अहम भूमिका निभाई है। बुधवार को सुबह 6 बजे यात्रियों का रेस्क्यू शुरू किया गया। ट्रांस भारत हेली एविएशन के हेलिकॉप्टर के लिए नानू में अस्थायी हेलिपैड बनाया गया था। हेलिकॉप्टर द्वारा लगभग 60 शटल की गईं और एक गर्भवती महिला सहित 190 यात्रियों को नानू से रांसी पहुंचाया गया। 49 यात्री रस्सी के सहारे नदी को पार कराते हुए गौंडार गांव पहुंचाए गए।
उप उप जिलाधिकारी जितेंद्र वर्मा ने बताया कि सभी फंसे 293 यात्रियों का सकुशल रेस्क्यू कर दिया गया है। साथ ही हेलिकॉप्टर के माध्यम से कुछ राशन व अन्य सामग्री भी मद्महेश्वर के लिए नानू तक पहुंचाई जा चुकी है। इधर, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि बीते रविवार देर रात से सोमवार सुबह सात बजे तक हुई तेज बारिश और अतिवृष्टि से गौंडार-मद्महेश्वर पैदल मार्ग पर बणतोली के समीप सरस्वती नदी पर बना पैदल स्टील गार्डर पुल बह गया।
पुल बहने से मद्महेश्वर मंदिर का गौंडार गांव सहित पूरे जिले से संपर्क कट गया था। इस दौरान पैदल मार्ग से मंदिर तक 293 यात्री फंस गए थे। सोमवार को खराब मौसम के कारण रेस्क्यू नहीं हो पाया था। 15 अगस्त को एसडीआरएफ, पुलिस और आपदा प्रबंधन ने रस्सी के सहारे दूसरे छोर से 52 यात्रियों को गौंडार गांव पहुंचाने में सफलता पाई थी। रेस्क्यू अभियान में जिला पंचायत सदस्य विनोद राणा और ग्राम प्रधान वीर सिंह पंवार ने ग्रामीणों के साथ मिलकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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