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पति की तबीयत बिगड़ी तो 29 वर्षीय ममता ने खुद पकड़ा स्टीयरिंग, बनी बागेश्वर की पहली महिला टैक्सी ड्राइवर।


पहाड़ की बेटियां, पुरुषों से कम नहीं हैं। वह घर का चूल्हा और खेती-किसानी संभालने के बाद अब कुछ नया भी करने लगी हैं। वह महिला सशक्तिकरण को साकार कर रही हैं। उन में एक हैं जैन करास निवासी ममता जोशी। पति के बीमारी के कारण घर पैसा आना बंद हो गया तो गांव और समाज की परवाह किए बगैर वह टैक्सी चलाने लगीं। जिसके बाद वह बागेश्वर की पहली महिला टैक्सी ड्राइवर बन गईं।

पति ने बैंक से ऋण लेकर टैक्सी खरीदी

जैन करास निवासी 32 वर्षीय सुरेश जोशी स्नातक पास हैं। वह अल्मोड़ा में एक दुकान में काम करते थे। सैलरी कम थी और बैंक से ऋण लेकर टैक्सी खरीद ली और चलाने लगे। लेकिन वह बीमार पड़ गए। लेकिन बैंक की किश्त, घर का खर्च और दवाइयों के लिए पैसा आदि को लेकर उनकी पत्नी 29 वर्षीय ममता परेशान नहीं हुई।

ममता ने किसी की परवाह नहीं की

पति का उपचार कराया और टैक्सी चालना सीखा। तीन वर्ष की बेटी हरिप्रिया की भी देखभाल की और घर का काम भी निपटाया। घर में बैठे पति को लोग ताने भी मारने लगे। ममता ने किसी की परवाह किए बगैर घर खर्च के लिए गाड़ी चलाना सीखा।

पति की बीमारी ने दिया टैक्सी चालक बनने का हौसला
ममता जोशी को पति सुरेश चंद्र जोशी की बीमारी ने टैक्सी चालक बनने का हौसला दिया। ममता जोशी ने बताया कि उनके पति सुरेश चंद्र जोशी कोविड लॉकडाउन से पहले अल्मोड़ा में एक मीडिया प्रतिषठान में काम करते थे। लॉकडाउन में उन्होंने नौकरी छोड़ दी। वर्ष 2021 में बैंक से ऋण लेकर टैक्सी खरीदी। अचानक पति की तबीयत खराब हो गई। वह कई महीनों तक बीमार रहे।

चार महीने टैक्सी खड़ी रही। बैंक की किश्त भी नहीं दे पाए। तमाम दिक्कत आने लगी। पिछले साल यानि कि वर्ष 2022 में उन्होंने पति से विचार-विमर्श कर टैक्सी चलाने की ठानी। मई 2022 से उन्होंने पति से वाहन चलाने का प्रशिक्षण लेना शुरू किया। कुछ ही समय में वाहन चलाने लगीं, लेकिन लाईसेंस न बना होने के कारण टैक्सी नहीं चला पाईं।

उन्होंने इस दौरान भी प्रशिक्षण लेना जारी रखा। बीते 8 मई को उनका लाइसेंस बन गया। तब से वह नियमित रूप से टैक्सी चला रही हैं। शुरूआत में पति साथ आते थे। अब वह अकेले भी पूरी सिद्धत के साथ टैक्सी चला लेती हैं। कहती हैं कि टैक्सी चलाने में किसी तरह की दिक्कत महसूस नहीं होती। परिवारजनों के साथ ही यात्रियों का पूरा सहयोग उन्हें मिल रहा है। ममता इंटर तक पढ़ी हैं।

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