जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के कंडी इलाके में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ में सेना के पांच जवान शहीद हो गए। इस मुठभेड़ में चमोली जिले के गैरसैण का लाल भी शहीद हुआ है। शहीद रुचिन सिंह रावत गैरसैंण ब्लॉक के कुनिगाड गांव का रहने वाला था। रुचिन सिंह रावत जम्मू कश्मीर के उधमपुर यूनिट में तैनात थे। शहीद रुचिन रावत 9 पैरा में कमांडो थे।
रूचिन सिंह रावत का पार्थिव शरीर सुबह 10.30 बजे गांव में पहुंच गया है। तिरंगे में लिपटे शहीद के पार्थिव शरीर को देखकर दादा-दादी, माता-पिता, पत्नी, भाई सहित वहां पहुंचे लोग बिलख उठे।
परिजन शहीद के पार्थिव शरीर पर लिपट गए। सेना के जवान शहीद के पार्थिव शरीर को लेकर गांव पहुंचे। क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. अवतार नेगी ने बताया कि शहीद के अंतिम दर्शनों के लिए क्षेत्रीय विधायक अनिल नौटियाल सहित गांव में करीब 500 से अधिक लोग पहुंचे हैं। शहीद का अंतिम संस्कार गांव के आसपास महादेव घाट पर कुछ ही समय बाद होगा। गांव से महादेव घाट की दूरी करीब डेढ़ से दो किलोमीटर है। शहीद के अंतिम दर्शनों के लिए गांव में लोगों को जमावड़ा लगा है।
बताया जा रहा है कि इनके परिवार में बुजुर्ग माता-पिता, पत्नी व चार वर्षीय बच्चा है। शहीद रावत राजौरी के घने जंगलों वाले कंडी इलाके में आतंकवादियों द्वारा किए गए विस्फोट में जान गंवाने वाले पांच सैनिकों में शामिल थे, जहां उग्रवादियों को बाहर निकालने के लिए अभियान चल रहा है।
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