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यमुनोत्री धाम के लिए रोपवे का निर्माण जल्द होगा शुरू, 15 से 20 मिनट में होगा सफर तय।


उत्तराखंड के विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा के पहले पड़ाव यमुनोत्री धाम के लिए अब रोपवे बनने का रास्ता साफ हो गया है। रोपवे बन जाने के बाद​जहां पैदल मार्ग पर दो से 3 घंटे का समय​लगता था, वो रास्ता सिर्फ 15 मिनट में तय होगा।

जानकी चट्टी खरसाली से यमुनोत्री धाम के लिए 3.38 किमी लंबे रोपवे का निर्माण जल्द शुरू होगा। इस राेपवे के बनने से एक घंटे में 500 लोग यमुनोत्री धाम पहुंच सकेंगे। बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में रोपवे निर्माण के लिए एसआरएम इंजीनियरिंग इंडस्ट्री लिमिटेड के साथ एमओयू किया जाएगा। इस रोपवे पर करीब 167 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

एमओयू हस्ताक्षरित किया
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की उपस्थिति में गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास में यमुनोत्री रोपवे प्रोजेक्ट के लिए पर्यटन विभाग, निजी निर्माण कंपनी एस.आर.एम. इंजीनियरिंग एवं एफआईएल इंडस्ट्री प्रा. लि. के बीच अनुबंध किया गया। ले. कमान्डर दीपक खण्डूरी (से.नि.) निदेशक अवस्थापना, अविरल जैन ने एमओयू हस्ताक्षरित किया।

स्थानीय स्तर पर लोगों के रोजगार के संसाधन भी बढ़ेंगे

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस इस रोपवे परियोजना के पूर्ण होने के बाद यमुनोत्री धाम अपने शीतकालीन स्थल खरसाली से जुड़ जायेगा। इस रोपवे परियोजना के बनने के बाद श्रद्धालुओं को यमुनोत्री धाम के दर्शन करने में सुगमता होगी। अभी पैदल मार्ग से यमुनोत्री धाम पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को 2 से 3 घण्टे का समय लग जाता है, रोपवे बन जाने के बाद मात्र 15 से 20 मिनट में श्रद्धालु यमुनोत्री के दर्शन के लिए पहुंच जायेंगे एवं प्रदूषण मुक्त प्राकृतिक सौन्दर्य का लाभ उठा पायेंगे। इस रोपवे परियोजना के पूर्ण होने पर श्रद्धालुओं को तो सुविधा मिलेगी ही साथ ही स्थानीय स्तर पर लोगों के रोजगार के संसाधन भी बढ़ेंगे।

क्रियान्वयन तय सीमा में पूर्ण किये जाने का लक्ष्य

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि खरसाली से यमुनोत्री धाम तक बनने वाला यह रोपवे मॉ यमुना के ग्रीष्मकालीन व शीतकालीन धामों को एक साथ जोड़ने एवं उत्तराखण्ड में धार्मिक पर्यटन की संभावनाओं में एक और नये अध्याय का कार्य करेगा। परियोजना का क्रियान्वयन तय सीमा में पूर्ण किये जाने का लक्ष्य रखा गया है।सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे ने कहा कि जानकीचट्टी (खरसाली) से यमुनोत्री बनने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा साथ ही श्रद्धालुओं को आवागमन की बेहतर सुविधा मिलेगी।

 

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