उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष समेत सभी युवाओं को जमानत मिल गई है। थोड़ी देर में सीजेएम लक्ष्मण सिंह की कोर्ट से लिखित आदेश जारी होंगे। सीजेएम कोर्ट में बॉबी समेत सभी आरोपियों पर जानलेवा हमले की धारा लगाने और छह आरोपियों की जमानत रद्द करने की मांग पर हुई बहस।
अदालत में अभियोजन की ओर से रखे गए घायल अधिकारियों के मेडिकल सर्टिफिकेट रखे गए। इसका विरोध करते हुए बचाव पक्ष ने कहा अधिकारी घायल थे तो बाद में ड्यूटी क्यों की। इसके बाद छह आरोपियों की जमानत रद्द करने पर कोर्ट में बहस हुई।
बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि ना ही उनके मुव्वकिल ने किसी पर जानलेवा हमला किया। ना ही किसी को जानलेवा हमले के लिए उकसाया या कोई भी भड़काऊ भाषण नहीं दिया। पुलिस द्वारा जो धाराएं लगाई गई हैं वो महज उनके मुव्वकिल को जेल में रखने के लिए जानबूझ कर लगाई गई हैं।
सीजेएम लक्ष्मण सिंह की कोर्ट में बॉबी समेत सात की जमानत पर अभियोजन और बचाव पक्ष में जोरदार बहस हुई। जिसके बाद पथराव और उपद्रव के आरोपी बॉबी समेत सभी युवाओं को जमानत मिल गई है।
कोर्ट ने हटाई धारा 307
जबकि अभियोजन पक्ष का ये तर्क था कि बॉबी पंवार के साथियों ने ही पुलिस पर हमला किया तथा इनके बाहर आने पर कानून व्यवस्था खराब हो सकती है। इस पर माननीय न्यायालय का कहना था कि कानून व्यवस्था बनाए रखना पुलिस का दायित्व है। और कानून व्यवस्था तोड़ने पर सख्ती से कार्रवाई होनी चाहिए। परंतु वर्तमान में बॉबी पंवार पर धारा 307 प्रथम दृष्टया प्रतीत नहीं होती। इसलिए माननीय न्यायालय ने बॉबी पंवार से धारा 307 हटाने का निर्णय लिया गया।
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