उत्तराखंड में वक्फ बोर्ड के तहत आने वाले मदरसों में अगले शिक्षा सत्र से एनसीईआरटी पाठ्यक्रम और ड्रेस कोड लागू किया जाएगा।
वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने बुधवार को कहा कि ड्रेस कोड शुरू में अगले शैक्षणिक सत्र से इसके अधिकार क्षेत्र में आने वाले 103 मदरसों में से सात “मॉडल मदरसों में लागू किया जाएगा। इसे चरणबद्ध तरीके से बढ़ाया जाएगा। हालांकि, उन्होंने कहा कि अभी ड्रेस कोड को अंतिम रूप देना बाकी है, लेकिन इसे जल्द ही करेंगे। शादाब शम्स ने कहा, मदरसों को मॉडर्न स्कूल के तर्ज पर चलाई जाने की भी तैयारी चल रही है. जहां पहले चरण में 7 मदरसे में ड्रेस कोड लागू किया जाएगा, जिसमें दो देहरादून, दो उधमसिंह नगर, दो हरिद्वार और एक नैनीताल के के मदरसों में ड्रेस कोड लागू किया जाएगा।
खास बात यह होगी कि इन मदरसों में सभी धर्मों के बच्चे शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे। मदरसों में सुबह 6:30 से 7:30 बजे तक फजर की नमाज के बाद कुरान की शिक्षा दी जाएगी। इसके बाद सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक मदरसे सामान्य स्कूल की तरह चलेंगे, जबकि दो बजे के बाद फिर मदरसे के रूप में चलने लगेंगे।
वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने कहा कि हमारा बच्चा डॉक्टर, इंजीनियर बने, एपीजे अब्दुल कलाम के रास्ते पर चले और आगे बढ़े। उस दिशा में हम अपने मदरसों को बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपने है कि हर बच्चे की अच्छी शिक्षा मिले। पीएम मोदी ने कहा था कि मैं मदरसे में पढ़ने वाले हर बच्चे के एक हाथ में कुरान और एक हाथ में लैपटॉप देखना चाहता हूँ।
वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने कहा कि मदरसों को मदरसा बोर्ड नहीं बल्कि उत्तराखंड बोर्ड से पंजीकृत किया जाएगा। मदरसों को हिंदी में विद्यालय और अंग्रेजी में स्कूल कहा जाता है।
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