केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से जारी विद्यालयों की परफारमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (पीजीआइ) रिपोर्ट में उत्तराखंड के पिछडऩे से नाराज शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत ने शनिवार को विभागीय अधिकारियों की जमकर खिंचाई की। उन्होंने यूडाइस पोर्टल की जिम्मेदारी संभाल रहे अधिकारियों का स्पष्टीकरण लेने और पोर्टल में सूचनाओं के लिए जिलों से समन्वय स्थापित करने में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए। विभाग को आवंटित बजट के उपयोग की धीमी गति पर भी उन्होंने नाराजगी जताई।
विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने शनिवार को शिक्षा महानिदेशालय ननूरखेड़ा में विभागीय समीक्षा बैठक में भारत सरकार द्वारा वर्ष 2017 से वर्ष 2021 तक की परफॉर्मेस ग्रेडिंग इंडेक्स (पीजीआई) रिपोर्ट में राज्य की कमजोर स्थिति पर विभागीय अधिकारियों की जमकर क्लास ली।
डॉ. रावत ने तमाम संसाधनों के बावजूद परफॉर्मेस ग्रेडिंग इंडेक्स में पिछड़ने पर यूडाइस पोर्टल की जिम्मेदारी निभा रहे अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगने व जिलों से समन्वय बनाने में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश उच्चाधिकारियों को दिए।
विभागीय मंत्री ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि पीजीआई इंडिगेटर संबंधी सभी ऑनलाइन व्यवस्थाओं को भी दुरुस्त किया जाए, ताकि शिक्षकों एवं छात्र-छात्रों की उपस्थिति सहित विद्यालयों का अन्य जरूरी डाटा भी ऑनलाइन उपलब्ध हो सके।
पीजीआइ रिपोर्ट में देश के 37 राज्यों में उत्तराखंड 35वें स्थान पर रहा है। इस रिपोर्ट में शासन प्रक्रिया और अवसंरचना विकास व सुविधाओं की श्रेणियों में उत्तराखंड बहुत पीछे रहा है। शासन प्रक्रिया में उत्तराखंड से नीचे केवल अरुणाचल प्रदेश और मेघालय रहे। उन्होंने प्रदेशभर के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) में प्रवक्ता एवं वरिष्ठ प्रवक्ताओं के लंबे समय से रिक्त चल रहे सैकड़ों पदों को शीघ्र भरने एवं डायट की नियमावली तैयार कर कैबिनेट में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
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