उच्च हिमालयी क्षेत्र में प्रशिक्षण के लिए निकले नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के दल में से 29 सदस्य रविवार को डोकराणी बामक ग्लेशियर क्षेत्र में हिमस्खलन की चपेट में आने के बाद लापता हो गए थे। इनमें 26 के शव बरामद किए जा चुके हैं। मौसम खराब होने के कारण रेस्क्यू टीम को भी लगातार चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था।
आज शुक्रवार सुबह दो हेलीकॉप्टर घटनास्थल के लिए रवाना हुए। इसके बाद एएलएच हेलीकॉप्टर समिट कैंप से चार शवों को लेकर हर्षिल हेलीपैड पहुंचा। हेलीकॉप्टर द्वारा शवों को मातली हेलीपैड लाने का प्रयास किया गया, लेकिन खराब मौसम के कारण शवों को हर्षित हेलीपैड पर उतारा गया है, जिन्हें अब सड़क मार्ग से उत्तरकाशी भेजा गया।
जिला अस्पताल में शवों का पोस्टमार्टम चल रहा है। इन चारों शवों की पहचान एवरेस्टर सविता कंसवाल, नवमी रावत, अजय बिष्ट और शिवम कैंथला के रूप में हुई। पोस्टमार्टम के बाद ये शव परिजनों को सौंप दिए जाएंगे। मौसम प्रतिकूल होने के कारण अन्य शवों को उत्तरकाशी नहीं पहुंचाया जा सका।
द्रौपदी का डांडा (डीकेडी) चोटी पर एवलांच की चपेट में आकर जान गंवाने वाले सात और प्रशिक्षु पर्वतारोहियों के शव बरामद किए गए हैं। अब तक खोज एवं बचाव अभियान में लगी टीम ने कुल 26 शव बरामद किए हैं। तीन अब भी लापता हैं। उनकी खोज चल रही है। चार शव आज सुबह उत्तरकाशी लाए जा चुके हैं।
नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) का 42 सदस्यीय दल 23 सितबंर को द्रौपदी का डांडा(डीकेडी) में प्रशिक्षण के लिए गया था। मंगलवार चार अक्टूबर को यह दल एवलांच की चपेट में आ गया था।
एवलांच की चपेट में आने के बाद रेस्क्यू आपरेशन शुर किया गया खोज अभियान में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम), एसडीआरएफ और जम्मू-कश्मीर हाई एल्टीटयूट वारफेयर स्कूल, गुलमर्ग की 14 सदस्यीय टीम चला रही हैं।
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