उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत आज दोपहर अंकिता भंडारी के परिजनों से मिलने गांव पहुंचे। उन्होंने परिजनों को ढांढस बंधाया। वहीं, ग्रामीणों ने उन्हें ज्ञापन भी सौंपा। हरीश रावत ने कहा कि अंकिता पूरे प्रदेश की बेटी थी उसे न्याय जरूर मिलेगा। आरापियों को सजा जरूर होगी उन्हें विश्वास है।
उन्होंने कहा कि कुछ सत्ताधारी नेताओं की शह पर पहाड़ की भोली भाली बच्चियों को देह व्यापार में धकेलने का प्रयास किया जा रहा है। यह बेहद चिंताजनक है।उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेटियां सुरक्षित नहीं रह गई हैं। मामले की निपष्क्ष जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। कहा कि वह और उनकी पार्टी इस लड़ाई को हर स्तर पर लडने को तैयार हैं।
अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी ने बताया कि उन्हें बेटी की रिपोर्ट लिखाने के लिए राजस्व पुलिस ने ढाई घंटे तक तक इंतजार करवाया। मां सोनी देवी ने हत्यारों को फांसी की सजा की मांग की।
ग्रामीणों ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को ज्ञापन भी सौंपा। इसमें ग्रामीणों ने निम्न मांग की।
- अंकिता के हत्यारों का मुदकमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाए।
- पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपये मुआवजा दिया जाए।
- परिवार के एक सदस्य को सरकारी सेवा में लिया जाए।
- आरोपित पुलिकत आर्य के पिता विनोद आर्य को जांच होने तक कस्टडी में रखा जाए।
- ग्राम मल्ली से बरसूड़ी वाली रोड का विस्तारीकरण पीड़ित परिवार के घर तक किया जाए। साथ ही मार्ग को अंकिता भंडारी के नाम पर करवाया जाए।
- सार्वजनिक स्थानों पर अंकिता भंडारी के नाम स्मारक बनाया जाए।
पूर्व सीएम ने राजस्व विभाग की जांच पर उठाए सवाल
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राजस्व विभाग की जांच पर सवाल भी उठाया। उन्होंने कहा कि इस मामले में पहले पटवारी को जानकारी होने पर वह अवकाश पर चले गया और दूसरे पटवारी को कार्य सौंपा गया।
उन्होंने कहा कि ये सभी तथ्य जांच के हैं। उन्होंने घटना पर दुख जताते हुए इसे देवभूमि को कलंकित करने वाला बताया। उन्होंने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में महिला डाक्टर को शामिल न किए जाने को भी दुर्भाग्य पूर्ण बताया।
More Stories
उत्तराखंड: अप्रैल और मई महीने में गर्मी सताएगी, मैदान से लेकर पहाड़ तक चढ़ेगा पारा
मौसम अपडेट : उत्तराखंड में मौसम 17 मार्च तक रहेगा खराब
रुद्रप्रयाग में बड़ा हादसा, हादसे में तीन युवकों की मौके पर मौत