विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूड़ी ने विधानसभा भर्तियों में घोटाले के मामले में तीन सदस्य विशेषज्ञों की कमेटी गठित की है। यह कमेटी एक माह के भीतर विधानसभा में हुई भर्तियों की जांच रिपोर्ट देगी। समिति में पूर्व आईएएस अधिकारी डीके कोटिया को अध्यक्ष, सुरेंद्र सिंह रावत और अवनींद्र सिंह को सदस्य शामिल किया गया।
रितु खंडूड़ी ने कहा कि जांच रिपोर्ट में भर्तियों को लेकर जो भी तथ्य सामने आएंगे उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। जांच समिति वर्ष 2012 से लेकर 2022 तक विधानसभा में हुई नियुक्तियों की जांच करेंगे। इसके साथ ही 2000 और 2011 तक विधानसभा में भर्तियों के लिए उत्तर प्रदेश की सेवा नियमावली लागू थी। जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञ समिति इसकी भी जांच करेगी
भर्ती मामले पर भाजपा और कांग्रेस एकदूसरे पर जमकर वार और पलटवार कर रहे हैं। भाजपा सरकार में पार्टी और संघ नेताओं के करीबियों के नामों का खुलासा होने के बाद पार्टी काफी असहज है। विश्वसनीय सूत्रों ने बताया कि पूर्व स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल और प्रेमचंद अग्रवाल के कार्यकाल में हुई बैकडोर भर्तियां निरस्त करने का सरकार मन बना चुकी। इस बाबत कानूनी राय भी ली जा रही है।
कांग्रेस नेता गोविंद सिंह कुंजवाल ने वर्ष 2016 में स्पीकर रहते 159 कर्मचारी भर्ती किए थे। इनमें छह रक्षक ऐसे भी हैं जिन्हें पीआरडी से रखा गया। खास बात यह है कि अपने विधानसभा क्षेत्र जागेश्वर के कई लोगों को उन्होंने नौकरियां दीं। उनके कार्यकाल में रखे गए काफी कर्मचारी अभी तक नियमित नहीं हो पाए हैं, जिस वजह से इनकी नौकरियों पर अब संकट खड़ा हो गया है।
प्रेमचंद ने की थी 72 भर्तियां
भाजपा नेता प्रेमचंद अग्रवाल ने स्पीकर रहते आचार संहिता से ऐन पहले जनवरी में भर्तियों की तैयारी कर ली थी। उन्होंने 72 लोगों को विधानसभा में नियुक्तियां दीं। लेकिन वित्त के पेच के चलते वेतन का संकट खड़ा हो गया था। भाजपा सरकार के दूसरे कार्यकाल में वित्त मंत्री का भी दायित्व मिलते ही सबसे पहले उन्होंने उक्त फाइल को मंजूरी दी। अब ये भर्तियां उनके गले की फांस बन चुकी हैं।
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