मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि विज्ञान और तकनीकी का उपयोग करते हुए इकोलॉजी- इकोनॉमी के बीच संतुलन बनाते हुए, उत्तराखंड हिमालयी राज्यों के लिए विकास का मॉडल बनेगा। इसकी शुरुआत चम्पावत जिले को एक मॉडल के तौर पर विकसित किए जाने के साथ होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2025 तक उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए पूरे समर्पित भाव से काम करना है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि चंपावत जनपद को आदर्श जनपद बनाने के लिए यूकास्ट नोडल एजेंसी के रूप में काम करे. चंपावत में कॉर्बेट ट्रेल एवं आयुष ग्राम पर तेजी से काम किया जाए. हैलीपेड बनाने की संभावना का अध्ययन किया जाए. सिडकुल द्वारा छोटे इंडस्ट्रियल एरिया विकसित किए जा सकते हैं. आईटीआई में रोजगार परक और बाजार की मांग आधारित कोर्सेज संचालित हों. सड़क एवं रेल कनेक्टिविटी को विकसित करने के लिए राज्य सरकार केंद्रीय मंत्रालयों के सम्पर्क में है.
इस मौके पर भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान के अधिकारियों ने टोपोग्राफी, भू उपयोग, साईट सूटेबिलिटी एनालिसिस, जैव विविधता, ड्रैनेज, भूजल, जियोलाजिकल स्ट्रक्चर, लैंडस्लाइड से संबंधित मैपिंग पर प्रस्तुतिकरण दिया। अधिकारियों ने बताया कि उनका संस्थान सैटेलाइट कम्यूनिकेशन, टेली एजुकेशन और टेली मेडिसन में सहयोग कर सकता है।
आईआईपी के वैज्ञानिकों ने बताया कि उनकी एक टीम ने चम्पावत का दौरा कर यहां विभिन्न सम्भावनाओं का अध्ययन किया है। आईआईपी चीड़ पत्तियों का आर्थिक उपयोग व बायोडीजल के क्षेत्र में काम कर सकता है। मत्स्य संस्थान ने बताया कि चम्पावत में ट्राउट फिशिंग में काम की काफी सम्भावनायें हैं।
वन विभाग की ओर से कहा गया कि इको टूरिज्म के साथ ही वन पंचायतों के माध्यम से हर्बल व ऐरोमैटिक के क्षेत्र में काम किया जा सकता है। बैठक में यूकास्ट के निदेशक प्रो दुर्गेश पंत, हॉफ विनोद सिंघल, अपर सचिव सी रविशंकर, रंजना, बंशीधर तिवारी, डीएम चम्पावत नरेन्द्र सिंह भण्डारी उपस्थित हुए।
More Stories
उत्तराखंड: अप्रैल और मई महीने में गर्मी सताएगी, मैदान से लेकर पहाड़ तक चढ़ेगा पारा
मौसम अपडेट : उत्तराखंड में मौसम 17 मार्च तक रहेगा खराब
रुद्रप्रयाग में बड़ा हादसा, हादसे में तीन युवकों की मौके पर मौत