उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में बारिश से नदी नाले उफान पर हैं। मंगलवार सुबह चंपावत में बच्चों को लेने जा रही स्कूल बस किरोड़ा नाले के तेज बहाव में आकर पलट गई। गनीमत रही कि बस में बच्चे नहीं थे। चालक-परिचालक ने किसी तरह निकलकर अपनी जान बचाई।
जानकारी के अनुसार, बस एमडीएम स्कूल की थी। स्कूल बस को जेसीबी से निकाला जा रहा है। किरोड़ा नाला अपने रौद्र रूप में बह रहा है। इस वजह से ग्रामीण, स्कूली बच्चों व शिक्षक कर्मचारी नाले के पास फंसे हुए हैं।
पहाड़ पर हो रही बारिश से काफी नुकसान हो रहा है। कई जगहों पर सड़के मलबे से बंद है तो कई जगह पानी के तेज बहाव से हादसे हो चुके।
गनीमत रही कि इसमें बच्चे नहीं थे। बस के आगे का शीशा टूटने से चालक-परिचालक ने किसी तरह निकलकर अपनी जान बचाई। इसके चालक ने बताया कि वहां पर एक कार फंसी हुई है। साथ ही पूर्णागिरि दर्शन को जाने वाले श्रद्धालु भी नाले के तेज होने से फंस गए है।
मंगलवार सुबह 6.25 बजे एमडीएम स्कूल की बस बच्चों को लेने थ्वालखेड़ा जा रही थी। इस बीच किरोड़ा नाले में जलस्तर बढ़ गया। प्रबंधक धर्मेंद्र चंद्र को सूचना मिली कि किरोला नाला बढ़ रहा है तो उन्होंने चालक को वापस आने को कहा। इसके बाद चालक बिना बच्चों को लिए वापस आ रहा था।
वापसी के दाैरान किरोड़ा नाले के किनारे पर बस तेज बहाव की चपेट में आ गई और पलट गई। बस में चालक कमलेश सार्की व परिचालक योगेश पंत ही थे। बस नाले में गिरने से बस का आगे का बाया शीशा टूट गया। जिससे चालक परिचालक उस से बाहर निकल आए। दोनों को चोट आई है।
दोनों को उप जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। चालक ने कहा की पानी को देख वह घबरा गया था। तेज बहाव में अंदाजा न होने से बस का एक पहिया फिसलकर नाले में चला गया। इससे बस गिर गई। सूचना मिलने पर मौके पर पुलिस एसडीआरएफ और फायर की टीम पहुंच गई।
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