उत्तराखंड हाईकोर्ट में आज नैनीताल समेत प्रदेशभर में बंदरों और कुत्तों के बढ़ते आतंक से निजात दिलाने के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने नगर पालिका नैनीताल को पक्षकार बनाते हुए पालिका से शहर में आवारा कुत्तों सहित बंध्याकरण किए गए कुत्तों की संख्या व कुत्ते व बंदरों के काटे लोगों की रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है।
वहीं कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि राज्य की सड्टाी नगर पालिकाओं और ग्राम पंचायतों से इस तरह की रिपोर्ट 21 सितंबर तक कोर्ट में पेश करें। मामले की अगली सुनवाई के किए कोर्ट ने 21 सितंबर की तिथि तय की है। नैनीताल निवासी गिरीश चंद्र खोलिया ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि नैनीताल शहर में कुत्तों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। ?सैकड़ों लोगों को कुत्ते काट चुके हैं। जबकि कई लोगों की मौत भी हो चुकी है।
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