उत्तराखंड के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को झारखंड हाइकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. उमेश शर्मा के द्वारा एफआइआर को निरस्त करने से संबंधित याचिका में हाइकोर्ट ने त्रिवेद्र सिंह रावत को नोटिस जारी करते हुए उन्हें प्रतिवादी बनाया था. हाइकोर्ट ने मामले में सोमवार को सुनवाई करते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत को इस मामले में प्रतिवादी से मुक्त कर दिया. उमेश शर्मा की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि उनके खिलाफ उत्तराखंड सरकार को गिराने की साजिश और ब्लैकमेल करने और धमकी देने का आरोप लगाते हुए रांची के अरगोड़ा थाना में अमृतेश सिंह चौहान की ओर से प्राथिमिकी दर्ज करायी गयी.
इस प्राथमिकी को दर्ज कराने में त्रिवेंद्र सिंह रावत की मिलीभगत है. उन्होंने प्राथमिकी को निरस्त करने का आग्रह कोर्ट से किया था. इस पर पूर्व में कोर्ट ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को नोटिस जारी करते हुए उन्हें प्रतिवादी बनाया था.
इसके बाद झारखंड पुलिस ने आरोपी उमेश को देहरादून से गिरफ्तार किया था। प्राथमिकी में अमृतेश कुमार चौहान ने कहा है कि उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से उनके अच्छे संबंध हैं। उमेश शर्मा ने खुद को एक निजी न्यूज चैनल का मालिक बताकर उन्हें फोन किया।
वाट्सएप कॉल व मैसेज भेजकर अमृतेश को त्रिवेंद्र सरकार को गिराने के लिए गुप्त जानकारी इकट्ठा करने के लिए कहा। उमेश कुमार ने कहा कि ऐसा नहीं करने पर वह अमृतेश सिंह चौहान को ईडी के झूठे केस में फंसा देगा। उसने दिल्ली या देहरादून आकर मिलने का दबाव बनाया था। इस मामले में 23 मार्च को हाईकोर्ट ने सूचक और पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को नोटिस जारी किया था।
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