प्रदेश में मानसून की दस्तक के साथ ही कई स्थानों पर हुई बारिश सड़कों पर कहर बनकर बरसी है। बीते दो दिनों में हुई बारिश के बाद आए मलबे ने कुल 138 सड़कों की राह रोक दी थी। इनमें से 92 सड़कों को खोल दिया गया था। प्रदेशभर में 46 सड़कें अब भी बंद हैं। वहीं गुरुवार सुबह बदरीनाथ और गौरीकुंड हाईवे भी बंद हो गए।
उत्तराखंड में बारिश का मौसम शुरू होते ही पहाड़ों में भूस्खलन से जुड़े हादसों की खबरें शुरू हो गई हैं. यात्रियों पर पहाड़ी से बोल्डर और पत्थर गिरने का एक और मामला आज गुरुवार को सोनप्रयाग-गौरीकुंड के बीच आया, जिसमें एक यात्री की मौके पर ही मौत हो गई. एक ही दिन पहले रुद्रप्रयाग ज़िले में केदारनाथ मार्ग में ऐसे ही एक हादसे में एक और मौत हो गई थी. चमोली ज़िले में भी कल बुधवार रात एक कार पर पहाड़ी से बोल्डर गिरे थे, जिसमें एक यात्री ने घायल होने के बाद दम तोड़ दिया था।
गुरुवार सुबह से शुरू हुई बारिश से बदरीनाथ राजमार्ग सिरोहबगड़ और गौरीकुंड हाइवे नौला पानी में बंद हो गए। चमोली जनपद में भी देर रात से शुरू हुई मूसलाधार बारिश से जिले में 12 ग्रामीण संपर्क मार्ग जगह-जगह मलबा आने से बंद है। नंदानगर, पोखरी, देवाल, थराली विकासखंडों में कई सड़कें मलबा आने से बंद पड़ी है।
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