Himalaya sandesh

No.1 News Portal of Uttarakhand

UKSSSC सवालों के घेरे में, परीक्षा हुई रद्द ।


उत्तराखंड राज्य के भीतर सोशल मीडिया पर आजकल यही चर्चा है। जिसके बाद सरकार की युवाओं को रोजगार देने की मुहिम पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। करीब 400 प्रश्न गलत पाये जाने पर उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने पिछले साल सितंबर में कराई गई सहायक लेखाकार भर्ती परीक्षा रद कर दी है। लिखित परीक्षा के बाद हजारों अभ्यर्थियों ने परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों को लेकर सवाल उठाए थे और आयोग से शिकायत दर्ज की थी। अभ्यर्थियों के बढ़ते विरोध को देखते हुए आयोग ने विशेषज्ञों से प्रश्नपत्रों का परीक्षण कराया। जिसकी रिपोर्ट आने के बाद परीक्षा को रद कर दिया गया।

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग नेे सहायक समीक्षा अधिकारी (लेखा), लेखाकार, सहायक लेखाकार, कैशियर, लेखा परीक्षक, कार्यालय सहायक तृतीय (लेखा) के 662 पदों पर भर्ती के लिए पांच फरवरी 2021 को विज्ञप्ति जारी की थी। रिक्त पदों के सापेक्ष करीब 23 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। आवेदन की जांच के बाद इस परीक्षा के लिए 18,640 अभ्यर्थियों को प्रवेश पत्र जारी किए गए थे। आनलाइन परीक्षा के लिए देहरादून में छह, नैनीताल में चार, हरिद्वार में तीन, पौड़ी गढ़वाल में दो व चमोली, उत्तरकाशी, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चंपावत व बागेश्वर में एक-एक परीक्षा केंद्र बनाए गए। आनलाइन परीक्षा 12 से 14 सितंबर 2021 के बीच छह पालियों में कराई गई। तीन दिन चली परीक्षा में 9341 अभ्यर्थी शामिल हुए।

वहीं आयोग के सचिव संतोष बडोनी का कहना है कि परीक्षा के बाद अभ्यर्थियों ने विरोध शुरू कर दिया था। अभ्यर्थियों ने परीक्षा की सभी पालियों के प्रश्न पत्रों की जांच की मांग उठाई थी। जिसके बाद आयोग ने विशेषज्ञों की राय लेने का निर्णय लिया। विशेषज्ञों ने सभी प्रश्न पत्रों का परीक्षण किया और कई तरह की त्रुटियों को रेखांकित कर आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंपी। जिसके बाद परीक्षा रद्द करने का फैसला किया गया है।

UKSSSC की तरफ से उक्त परीक्षा के रद्द किए जाने के पीछे जो कारण है, वो हैरान कर देने वाला है। उक्त परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों में से 400 प्रश्न गलत थे। अब सोचिए जरा यह कैसी परीक्षा थी, जिसमें 400 प्रश्न गलत थे। उक्त परीक्षा के प्रश्नों के हिन्दी अनुवाद पर भी सवाल उठा गया और चर्चा है कि प्रश्नों का हिन्दी अनुवाद गूगल ट्रांस्लेट के जरिये कर दिया गया था।

वहीं इसी तरह जुलाई 2020 में आयोजित हुई वन दरोगा की परीक्षा में भी 1800 में से 332 सवाल परीक्षा से हटा दिये गए थे। कहा गया कि ये प्रश्न पाठ्यक्रम से बाहर से पूछे गए थे।

सवाल यह है कि उत्तराखंड सेवा अधीनस्थ सेवा आयोग, किन विषय विशेषज्ञों से प्रश्न पत्र बनवाता है, जिनके बनाए प्रश्न पत्र में हर बार या तो प्रश्न गलत होते हैं या उत्तर में झोल होता है ? गौरतलब है कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित यह कोई पहली या इकलौती परीक्षा नहीं है, जिसके प्रश्नों के गलत होने का मामला सामना आया हो या जिस पर विवाद हुआ हो बल्कि अमूमन हर परीक्षा के साथ ही उसमें गड़बड़ी और प्रश्नों या उनके उत्तरों के मामले में विवाद होता रहा है। पेपर लीक, परीक्षा परिणामों पर विवाद और प्रश्नों या उत्तरों का गलत होना, यह उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के लिए अपवाद नहीं बल्कि एक नियम जैसा प्रतीत होता है और इस नियम की निरंतरता, प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के भविष्य से निरंतर ही खिलवाड़ करती है।

लेकिन क्या किसी सरकार ने आयोग की लचर कार्यप्रणाली के विरुद्ध कभी कोई कदम उठाया ? जवाब है- नहीं।

अगर किसी परीक्षा कराने वाले आयोग की परीक्षाओं में सैकड़ों प्रश्न गलत हों तो परीक्षा देने वाले पास या फेल बाद में होंगे, लेकिन वह आयोग तो पहले ही फेल हो गया है ! आयोग की कार्यप्रणाली और परीक्षाओं में गड़बड़ी को लेकर सोशल मीडिया में जमकर चुटकी ली जा रही है।

लेकिन असल सवाल अब भी यही है की बेरोजगारों को नौकरी देने वाले आयोग की परीक्षाओं में गड़बड़ सवालों और उत्तरों का जिम्मेदार कौन है ???

About The Author


Contact Details

Editor in Chief:-Satish Chand
Publish from:-kaulagarh road Garhi cantt Dehradun Uttarakhand
Phone:-+91 7830601534
Email:-
[email protected]

Website:- www.himalayasandesh.com