दो दिन पहले ही महानिदेशक विद्यालय शिक्षा बंसीधर तिवारी ने छात्र-छात्राओं को स्कूल में मुफ्त किताबें न पहुंचा पाने के कारण अपने समेत विभाग के कर्मचारियों का वेतन रोकने के आदेश जारी किए थे। वहीं आदेश के दो दिन बाद ही चंपावत जिले के पाटी तहसील के पोखरी क्षेत्र में उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा विभाग की सैकड़ों किताबों को वीरान नाले में फेंके जाने का मामला सामने आया है।
ग्रामीणों ने बताया कि फेंकी गई किताबें कक्षा छह से आठ तक की हिंदी, गणित और विज्ञान विषय की हैं। इन किताबों की संख्या सौ से अधिक है। ग्रामीणों ने बताया कि वीडियो वायरल होने के कुछ समय बाद ही शिक्षा विभाग के कर्मचारी किताबों को सीआरसी पाटी ले गए हैं।
ग्रामीणों ने किताबों को इस तरह नाली में फेंके जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इधर शिक्षा विभाग ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है।
जहाँ एक ओर बच्चों को किताबें उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। वहीं दूसरी ओर इसी सत्र की किताबों को यूँ नाले में फेंके जाना वाकई छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है ।
स्थानीय निवासी मदन सिंह बोहरा का कहना है कि किताबों को नाले में फेंका गया था और अभी फिलहाल इन्हें निकलकर सुरक्षित स्थान पर लाया गया है। लेकिन शिक्षा विभाग की गैरजिम्मेदाराना हरकत से छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। यह सबके सामने आ गया है।
पाटी के पोखरी गांव की नाली में सरकारी किताबें फेंके जाने का मामला संज्ञान में आया है। खंड शिक्षा अधिकारी के नेतृत्व में प्रधानाचार्य और प्रशासनिक अधिकारी की तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है। कमेटी को शीघ्र रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं।
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