उत्तराखंड कृषि विभाग में बतौर अपर सचिव कार्यरत आईएएस अफसर राम विलास यादव इन दिनों यूपी से लेकर उत्तराखंड तक चर्चाओं में हैं. राम विलास यादव पर यूपी में लखनऊ विकास प्राधिकरण का सचिव रहते हुए आय से पांच सौ गुना अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है. यूपी की ओर से उत्तराखंड को सौंपे गए तमाम दस्तावेज के आधार पर यादव के खिलाफ अब उत्तराखंड में भी विजलेंस डिपार्टमेंट ने रिपोर्ट दर्ज की है. विभाग को आगे की कार्रवाई के लिए अब शासन के आदेश का इंतजार है.
उत्तराखंड के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने भी मामले में सख्त रुख अपनाया है. गणेश जोशी ने कहा कि मामला अभी उनके संज्ञान में आया है. उन्होंने कहा कि भ्रष्ट अफसरों को बरदाश्त नहीं किया जाएगा. उनको वहां भेजा जाएगा, जहां उनकी जगह है.
आइएएस यादव 2019 में उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड आए थे। यहां शासन ने नौ जनवरी 2019 को उनके खिलाफ विजिलेंस में खुली जांच के आदेश जारी किए। विजिलेंस टीम ने आइएएस को पूछताछ के लिए बुलाना चाहा, लेकिन वह हाजिर नहीं हुए। इसके बाद आइएएस का पक्ष जानने के लिए तीन सदस्यीय हाईपावर कमेटी बनाई गई, लेकिन आइएएस ने उसे भी गुमराह किया।
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