Himalaya sandesh

No.1 News Portal of Uttarakhand

वेज पिज्जा के बदले नान वेज पिज्जा भेजने पर हुआ साढे नौ लाख से ज्यादा का जुर्माना, पढ़े पूरी ख़बर।


शाकाहारी पिज्जा के ऑर्डर पर मांसाहारी पिज्जा डिलीवर करना एक कंपनी को महंगा पड़ गया है। एक मामले में जिला उपभोक्ता आयोग ने इसे कंपनी की घोर लापरवाही और उपभोक्ता सेवा में कमी मानते हुए 9,65,918 रुपये का जुर्माना लगाया है। सुनवाई के दौरान पीड़ित उपभोक्ता ने बताया था कि वह और उनका परिवार पूर्णतः शाकाहारी है। ऐसे में मांसाहारी पिज्जा पहुंचने के बाद उन्हें उल्टियां हो गईं और तबीयत बिगड़ गई।

उपभोक्ता मामलों के वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीगोपाल नारसन ने बताया कि रुड़की साकेत निवासी शिवांग मित्तल ने 26 अक्तूबर 2020 को शाम साढ़े आठ बजे डोमिनोज पिज्जा कंपनी को ऑनलाइन पिज्जा टाको व चोको लावा केक के लिए आर्डर किया था। डोमिनोज पिज्जा का कर्मचारी एक पैकेट में पिज्जा घर पर लाया और शाकाहारी पिज्जा की कीमत 918 रुपये प्राप्त की।

जैसे ही शिवांग मित्तल ने पैकेट खोला तो अजीब सी गंध आ रही थी। इसके बाद शिवांग मित्तल को उल्टियां शुरू हो गई।

शिवांग मित्तल ने बताया कि उनके परिवार में कोई मांसाहारी नहीं है। पूरा परिवार परेशान हो गया। कंपनी की ओर से मांसाहारी पिज्जा भेजकर उनका धर्म भ्रष्ट किया गया। इससे परिवार की भावना आहत हुई है।

इस मामले में उन्होंने डोमिनोज के खिलाफ गंगनहर कोतवाली पुलिस को तहरीर दी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। शिवांग ने विभिन्न विभागों से इसकी शिकायत भी की।

जिला उपभोक्ता आयोग में दर्ज कराई शिकायत

कोई कार्रवाई नहीं होने पर आखिरकार शिवांग ने तीन फरवरी 2021 को जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में शिकायत दर्ज कराई। जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष कंवर सैन, सदस्य अंजना चड्ढा और विपिन कुमार ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद पाया कि डोमिनोज को उपभोक्ता सेवा में घोर लापरवाही की है।

उपभोक्ता आयोग ने अपने फैसले में पिज्जा कंपनी को आदेश दिया है कि वह एक माह के अंदर उपभोक्ता को पिज्जा की कीमत 918 रुपये मय 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ ही मानसिक, शारीरिक व आर्थिक क्षतिपूर्ति के रूप में साढ़े चार लाख रुपये व विशेष हर्जे के रूप में अंकन पांच लाख रुपए यानि कुल 9,65,918 रुपये का भुगतान करे।

शिवांग मित्तल ने बताया कि नवरात्र में डोमिनोज ने नान वेज पिज्जा भेजा, जबकि उनका पूरा परिवार शाकाहारी है। पिज्जा की वजह से उनकी तबीयत खराब हो गई थी। परिवार पर क्या बीती, इसका सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। परिवार की हालत देखकर ही कोतवाली और अदालत में जाने का फैसला लिया था।

कोतवाली में मुकदमा दर्ज नहीं होने पर जिला उपभोक्ता आयोग में शिकायत की थी। उन्हें जो पीड़ा हुई है उसकी कभी भरपाई नहीं हो सकती। लेकिन, फैसला कंपनी के लिए भी सबक बनेगा।

About The Author


Contact Details

Editor in Chief:-Satish Chand
Publish from:-kaulagarh road Garhi cantt Dehradun Uttarakhand
Phone:-+91 7830601534
Email:-
[email protected]

Website:- www.himalayasandesh.com