गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलते ही इस बार चारधाम यात्रा का श्रीगणेश हो गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कपाट खुलने पर प्रदेश वासियों को शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगोत्री व यमुनोत्री के कपाट खुलने के साथ ही 6 मई को केदारनाथ जी और 8 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुल जाएंगे।
मंगलवार सुबह मां यमुना के मायके खरशाली से मां यमुना की विदाई हुई। मां यमुना की डोली सुबह 8:15 बजे यमुनोत्री धाम के लिए रवाना हुई। उधर यमुनोत्री धाम में मां यमुना के स्वागत की तैयारी की हुई। दोपहर 12:15 बजे यमुनोत्री मंदिर के कपाट विधि विधान से देश-विदेश के श्रद्धालुओं के लिए खोले गए। वहीं गंगोत्री धाम के कपाट भी श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं।
गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलते ही इस बार चारधाम यात्रा का श्रीगणेश हो गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कपाट खुलने पर प्रदेश वासियों को शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगोत्री व यमुनोत्री के कपाट खुलने के साथ ही 6 मई को केदारनाथ जी और 8 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुल जाएंगे।
मंगलवार सुबह मां यमुना के मायके खरशाली से मां यमुना की विदाई हुई। मां यमुना की डोली सुबह 8:15 बजे यमुनोत्री धाम के लिए रवाना हुई। उधर यमुनोत्री धाम में मां यमुना के स्वागत की तैयारी की हुई। दोपहर 12:15 बजे यमुनोत्री मंदिर के कपाट विधि विधान से देश-विदेश के श्रद्धालुओं के लिए खोले गए। वहीं गंगोत्री धाम के कपाट भी श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं।
सरकार को भी इस बार चारधाम में ऐतिहासिक होने की उम्मीद है। लेकिन भारी संख्या में तीर्थ यात्रियों के आने से व्यवस्थाओं को लेकर सरकार के सामने चुनौती भी है।


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