चारधाम यात्रा के लिए पहला जत्था आज रवाना होगा। यात्रा का श्रीगणेश कल से होगा। अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही यात्रा शुरू हो जाएगी। कोरोना महामारी के कारण दो साल बाद चारधाम यात्रा पूरी क्षमता के साथ संचालित हो रही है। चारधाम यात्रा के लिए सोमवार को ऋषिकेश और हरिद्वार से 40 बसें रवाना होंगी। रोटेशन की कंपनियों ने सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं। बसें सात बजे सुबह आईएसबीटी से यमुनोत्री के लिए रवाना होंगी।
मंदिर समिति के प्रभारी कार्याधिकारी आरसी तिवारी एवं सुपरवाइजर युद्धवीर पुष्वाण ने बताया कि सोमवार को ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली आर्मी व स्थानीय वाद्य यंत्रों व श्रद्धालुओं की जयकारों के साथ केदारपुरी धाम के लिए रवाना हो गई। डोली विभिन्न यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीष देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए विश्वनाथ मंदिर पहुंचेगी।
तीन मई को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली द्वितीय रात्रि प्रवास के लिए फाटा, 4 मई को भगवान की डोली गौरीकुण्ड एवं 5 मई को केदारनाथ धाम पहुंचेगी। 6 मई को प्रात: 6 बजकर 25 मिनट पर भगवान केदारनाथ के कपाट भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे।
चारधाम यात्रियों के स्वागत के लिए उत्तराखंड पूरी तरह से तैयार है। इस साल चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं में खासा उत्साह है। इस बार चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों का नया रिकार्ड बनेगा।
चारधाम यात्रा के पहले ही दिन मौसम विभाग ने भारी बारिश, ओलावृष्टि के साथ तेज रफ्तार में झक्कड़ का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। लिहाजा इस बात की पूरी संभावना है कि चारधाम यात्रा के पहले ही दिन मौसम तीर्थयात्रियों के साथ ही सरकारी इंतजामों का कड़ा इम्तिहान लेगा। वैसे शनिवार से ही गंगोत्री-यमुनोत्री क्षेत्र में हल्की बर्फबारी हुई। रविवार को भी बादलों का डेरा रहा। बुधवार को उत्तराखंड के कई जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
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