प्रदेश में बिजली का संकट अभी खत्म नहीं हुआ है। लगातार बढ़ रही गर्मी के कारण बिजली की मांग रिकार्ड स्तर पर पहुंच गई है। ऐसे में तमाम प्रयास के बावजूद ऊर्जा निगम आपूर्ति सुचारू नहीं रख पा रहा। आज भी प्रदेश में मांग के सापेक्ष ढाई मिलियन यूनिट (एमयू) से अधिक बिजली की कमी का अनुमान है। ऐसे में ग्रामीण और औद्योगिक क्षेत्रों में कटौती जारी रह सकती है।
राज्य में शुक्रवार को बिजली की मांग 47.44 एमयू तक पहुंचने की आशंका जताई जा रही है। इसके सापेक्ष 45.24 एमयू की व्यवस्था हो चुकी है। 2.2 एमयू की जो कमी बची है, उसे भी रियल टाइम मार्केट से लेने का प्रयास किया जा रहा है। शुक्रवार को बिजली के इंतजाम के क्रम में बाजार से 14.15 एमयू बिजली खरीदी जा चुकी है। ऐसे में संभावना यही जताई जा रही है कि शुक्रवार को फर्नेश उद्योगों में दो घंटे, ग्रामीण और छोटे शहरों में एक घंटे तक का पावर कट रह सकता है। यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने बताया कि आम जनता को पर्याप्त बिजली देने को सप्लाई सामान्य रखने के लिए सभी संसाधन झोंक दिए गए हैं। उत्तराखंड में दूसरे राज्यों से अधिक बेहतर बिजली सप्लाई हो रही है।
ऊर्जा निगम का दावा है कि शहरी क्षेत्रों में बिल्कुल भी कटौती नहीं करने का प्रयास किया जा रहा है। ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने बताया कि कोयले के दाम में वृद्धि के कारण बाजार में बिजली महंगी हो गई है। जबकि, गर्मी बढऩे से बिजली की मांग खासी बढ़ गई है।
बताया कि ऐसे में मांग और उपलब्धता में भारी अंतर आ रहा है। बाजार से खरीद के बावजूद बिजली की कमी बनी हुई है। इसके चलते ग्रामीण और औद्योगिक क्षेत्रों में कटौती करनी पड़ रही है।
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