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चंपावत उपचुनाव में सीएम धामी के सामने कौन? पढ़े पूरी ख़बर।


चंपावत विधायक कैलाश गहतोड़ी ने विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है। विधानसभा अध्यक्ष ने गहतोड़ी का त्यागपत्र मंजूर करने की जानकारी भी मीडिया को दे दी है। इसके बाद यह साफ हो गया है कि चम्पावत सीट से सीएम धामी उपचुनाव लड़ने जा रहे हैं। भाजपा की ओर से स्थिति स्पष्ट हो गई है पर कांग्रेस ने तस्वीर साफ नहीं की है।

इधर, कांग्रेस के स्थानीय नेताओं का कहना है कि पार्टी हाईकमान जिसे भी प्रत्याशी बनाएगा, सब कार्यकर्ता पूरे दमखम से उसे जिताने में जुटेंगे। पूर्व में मुख्यमंत्रियों के उपचुनाव में उतरने पर नजर डालें तो ये भी साफ है कि किसी भी सीएम को उपचुनाव में जीत के लिए मशक्कत नहीं करनी पड़ी।

चंपावत सीट पर होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस पूरे दमखम से उतरेगी। हाईकमान ने अभी प्रत्याशी का चयन नहीं किया है पर कांग्रेस, भाजपा को किसी सूरत में वॉकओवर नहीं देगी।
पूरन सिंह कठायत जिलाध्यक्ष, कांग्रेस, चंपावत

उपचुनाव के लिए यदि पार्टी ने मुझे प्रत्याशी बनाया तो पूरे दम से लड़ूंगा। यदि किसी अन्य कार्यकर्ता को टिकट दिया तो भी पूरी ताकत से चुनाव लड़ेंगे। संगठन की मजबूती और जनता के हितों को लेकर हर कार्यकर्ता पूरी तरह से कृत संकल्प है।
हेमेश खर्कवाल पूर्व विधायक, कांग्रेस, चम्पावत

पार्टी के नए कप्तान करण माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी पर उप चुनाव में ज्यादा दबाव रहेगा। हालांकि अभी उपचुनाव का विधिवत एलान होना है और अभी यह भी तय नहीं है कि कांग्रेस किस चेहरे पर दांव लगाएगी? लेकिन राजनीतिक जानकारों का मानना है कि मुख्यमंत्री की टक्कर में कांग्रेस के पास हिमेश खर्कवाल ही मजबूत विकल्प हो सकते हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष माहरा कहते हैं, प्रत्याशी कौन होगा, इस बारे में हिमेश खर्कवाल से भी बात करेंगे और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा कर चुनाव को पूरी गंभीरता से लड़ा जाएगा। बकौल करण माहरा हम चुनाव जीतने के लिए लड़ेंगे। इसमें पार्टी की पूरी ताकत जुटेगी। चंपावत के समर में तीन बार भाजपा और दो बार कांग्रेस विजयी रही है। कांग्रेस के हिमेश खर्कवाल चंपावत सीट से दो बार चुनाव जीत चुके हैं। लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव में खर्कवाल 5,304 वोटों से हारे। 2017 में भी उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था, लेकिन पिछले दो चुनाव में उनकी हार का अंतर कम हुआ है।

 भाजपा के लिए मनोवैज्ञानिक बढ़त की बात यह है कि उत्तराखंड में मुख्यमंत्रियों के उपचुनाव का इतिहास जीत का रहा है। अब तक राज्य में एनडी तिवारी, बीसी खंडूड़ी, विजय बहुगुणा और हरीश रावत के सामने उपचुनाव की चुनौती आई। सभी मुख्यमंत्रियों ने अपने-अपने कालखंड में शानदार जीत दर्ज की।
चंपावत उप चुनाव में पार्टी संगठन को साथ लेकर पूरी ताकत झोंकेगी। जो जीतने की नियत से चुनाव लड़ेगी। चुनाव प्रचार के दौरान क्षेत्र में जिस किसी की जरूरत महसूस की जाएगी उसे क्षेत्र में चुनाव प्रचार के लिए मैदान में उतारा जाएगा। -करण माहरा, प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस 

हम पूरी शक्ति के साथ चंपावत उप चुनाव में उतरेंगे। पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं को चुनाव प्रचार में उतारा जाएगा। चुनाव में जीत के लिए पूरा संगठन मिलकर काम करेगा। -यशपाल आर्य, नेता प्रतिपक्ष 

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