पिछली सरकार में मंत्री रहे बंशीधर भगत, बिशन सिंह चुफाल व अरविंद पांडेय को इस बार स्थान नहीं मिल पाया। सीमांत क्षेत्र पिथौरागढ़ जिले से आने वाले चुफाल को उम्मीद थी कि वह मंत्री बन सकते हैं, लेकिन पहली सूची में उनका नाम शामिल नहीं हो सका। वह पेयजल समेत कई विभागों के मंत्री थे। ऊधम सिंह नगर जिले की गदरपुर सीट से पांचवी बार के विधायक अरविंद पांडे भी मंत्रीमंडल में स्थान पाने से वंचित रह गए हैं।
धामी मंत्रिमंडल में इस बार पिछली कैबिनेट के पांच सदस्यों को बरकरार रखा गया, जबकि तीन को छोड़ दिया गया। माना जा रहा है कि उम्र के पैमाने पर फिट न बैठने के कारण सातवीं बार के विधायक बंशीधर भगत और छठवीं बार के विधायक बिशन सिंह चुफाल को अवसर नहीं दिया गया। यह बात अलग है कि 70 वर्ष से अधिक आयु के सतपाल महाराज को मंत्रिमंडल में स्थान मिला है। यही नहीं, पांचवीं बार के विधायक अरविंद पांडेय को भी इस बार जगह नहीं दी गई।
पूर्व मंत्री चुफाल ने कहा कि उन्हें मंत्रिमंडल में क्यों नहीं लिया गया, इस बारे में कुछ नहीं कहना। पार्टी का निर्णय स्वीकार है। साथ ही जोड़ा कि जब जनता इस संबंध में पूछेगी तो क्या जवाब देना है, इसके लिए वह अपनी बात पार्टी फोरम में रखेंगे और नेतृत्व से पूछेंगे। उन्होंने कहा कि वह न तो विधानसभा अध्यक्ष पद की दौड़ में हैं और न राज्यसभा सदस्य की। वह विधायक के रूप में अपने क्षेत्र में कार्य करेंगे। उधर, इंटरनेट मीडिया में चुफाल के नाराज होने की चर्चा चल रही है।
दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री एवं महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी जब उत्तराखंड की राजनीति में सक्रिय थे, तो चुफाल की उनसे दूरियां थीं। अब चुफाल के समर्थकों का कहना है कि इसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा है।
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