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होलिका दहन आज रात 9:06 से 10:16 बजे के बीच भद्रा पुंछ में किया जाएगा।


होलिका दहन आज रात 9:06 से 10:16 बजे के बीच भद्रा पुंछ में किया जाएगा। इससे पूर्व दिनभर लोग ने विभिन्‍न चौक चौराहों पर होलिका की पूजा की। वहीं कल यानी शुक्रवार को रंगों की होली मनाई जाएगी।

खुशियों, उमंग और उल्लास का त्योहार होली का लोगों को बेसब्री से इंतजार है। फाल्गुन मास की पूर्णिमा को यानि आज होलिका दहन का त्योहार मनाया जाएगा। शास्त्रों में फाल्गुन पूर्णिमा का महत्व काफी ज्यादा होता है। माना जाता है कि होलिका की अग्नि की पूजा करने से कई तरह के लाभ मिलते हैं। होलिका दहन गुरुवार को किया जाएगा। इस साल होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात में 9 बजकर 16 मिनट से लेकर 10 बजकर 16 मिनट तक ही रहेगा। ऐसे में होलिका दहन की पूजा के लिए सिर्फ 1 घंटे 10 मिनट का ही समय मिलेगा। इसके अगले दिन शुक्रवार को रंग वाली होली खेली जाएगी।पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – मार्च 17 को 01 बजकर 29 मिनट से शुरू होगीपूर्णिमा तिथि समाप्त – मार्च 18 को 12 बजकर 47 मिनट तक रहेगीभद्रा पूँछ- रात में 09 बजकर 16 मिनट से लेकर 10 बजकर 16 मिनट तक भद्रा मुख – 17 मार्च रात 10 बजकर 16 से लेकर 18 मार्च 12 बजकर 13 तकहोलिका दहन का नियमज्योतिषियों के अनुसार, होलिका दहन का आयोजन 17 मार्च को ही किया जाना चाहिए। भद्रा रहित, प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा तिथि, होलिका दहन के लिए काफी अच्छी मानी जाती है। प्रदोष काल के समय जब पूर्णिमा तिथि विद्यमान हो, उसी दिन होलिका दहन किया जाना चाहिए। अगर भद्रा मध्य रात्रि से पहले ही समाप्त हो जाए तो प्रदोष के बाद जब भद्रा समाप्त हो तब होलिका दहन करना चाहिए। यदि भद्रा मध्य रात्रि तक हो तो ऐसी स्थिति में भद्रा पूँछ के दौरान होलिका दहन किया जा सकता है, लेकिन ध्यान रहे कि भद्रा मुख में होलिका दहन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।

दिनभर विभिन्‍न चौराहों पर होलिका पूजा

शहर के विभिन्‍न चौक चौराहों पर होलिका सजाई गई। सुबह से ही महिलाएं टोलियां बनाकर शहर के विभिन्न चौराहों पर बनी होलिका पर पहुंचनी शुरू हो गई थी। इस दौरान महिलाओं ने होलिका पर धागा बांधा और माथा टेक कर बच्चों और स्‍वजन की लंबी आयु की मन्नतें मांगी।

यह है मान्‍यता

मान्यता है कि हिरण्यकश्यप ने अपने बेटे पह्लाद को मारने के लिए बहन होलिका को आदेश दिया था कि वह उसको गोद में लेकर आग में बैठे। आग में बैठने पर होलिका तो जल गई, लेकिन ईश्वर की भक्ति में लीन प्रह्लाद बच गए। ईश्वर भक्त प्रह़्लाद की याद में इस दिन होली जलाई जाती है।

देर शाम तक दुकानों में उमड़ी रही भीड़

होली को लेकर राजधानी के बाजारों में देर शाम तक खरीदारों की भीड़ रही। सुबह से ही हनुमान चौक, पलटन बाजार, करनपुर बाजार, चकराता रोड, धर्मपुर, पटेलनगर, प्रेमनगर आदि क्षेत्रों की दुकानों में कपड़े, खाद्य सामग्री, मिष्ठान, रंग, पानी के गुब्बारे, पिचकारी आदि की खरीदारी हुई। इसके अलावा गुझिया, पापड़ चिप्स, नमकीन, रेडीमेड दहीबड़ा पाउडर, पनीर, दही की भी खूब खरीदारी हुई।

 

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