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10 मार्च को कांग्रेस के विधायकों को छत्तीसगढ़ और राजस्थान के होटलों में शिफ्ट करने की तैयारी।


उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत न मिलने की स्थिति में जोड़तोड़ की चर्चाओं के बीच कांग्रेस सतर्क हो गई है। गोवा चुनाव से सबक लेते हुए पार्टी मतगणना के तुरंत बाद अपने विधायकों को कांग्रेस शासित राज्यों राजस्थान या छत्तीसगढ़ में शिफ्ट कर सकती है। गोवा में हुए विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बावजूद कांग्रेस वहां अपनी सरकार बनाने में विफल रही थी। ऐसे में इस बार पार्टी कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है।

बीते रोज एक्जिट पोल में आए रुझानों के बाद कांग्रेस अब बदली हुई रणनीति पर काम कर रही है। राष्ट्रीय नेतृत्व की ओर से उत्तराखंड के लिए नामित पर्यवेक्षकों सांसद दीपेंद्र हुड्डा व एमबी पाटिल और प्रदेश प्रभारी मंगलवार को देहरादून पहुंचे। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल की मौजूदगी में पार्टी के अन्य पदाधिकारियों के साथ मंथन किया। 14 फरवरी को मतदान के बाद से उत्साहित कांग्रेस एक्जिट पोल के रुझान से सकते में भी है। त्रिशंकु विधानसभा की सूरत में सबसे बड़े विधायक दल की सूरत में पार्टी की संभावित रणनीति पर दिग्गजों ने चर्चा की।

सूत्रों के अनुसार यह तय किया गया कि मतगणना में स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने की स्थिति में पार्टी अपने विधायकों को राजस्थान भेजेगी।

दरअसल, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की मौजूदगी के बाद कांग्रेस सतर्क नजर आ रही है। 2016 में प्रदेश की हरीश रावत सरकार में हुई बगावत के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की भूमिका को कांग्रेस भूली नहीं है। भाजपा के एक विधायक के मतगणना से पहले ही कांग्रेस के प्रत्याशियों के संपर्क में होने का दावा कर चुके हैं। ऐसे में पार्टी जवाबी रणनीति को धार देने में जुटी है।

कांग्रेस की नजरें विधानसभा में बहुमत के आंकड़े 36 पर टिक गई हैं। इससे कम या बराबर रहने और भाजपा के टक्कर में आने की स्थिति में कांग्रेस अपने विधायकों की सुरक्षा को कसर नहीं छोड़ने वाली। मंगलवार को बैठक में भाग लेने के लिए पहुंचे कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव से कैलाश विजयवर्गीय की उत्तराखंड में उपस्थित पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि जिस तरह से भाजपा लोकतंत्र का मजाक उड़ाती है, उसके लिए यह सब करना कुछ नई बात नहीं है। लेकिन, हम स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि इस बार ऐसा नहीं होगा। उनको उचित समय पर उचित जवाब दिया जाएगा।

बैठक में भाग लेने पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंड में इस बार जनादेश भाजपा के खिलाफ है। इसलिए भाजपा प्लान बी, प्लान सी की बात कर रही है। हमे ऐसा कुछ सोचने की आवश्यकता ही नहीं है। क्योंकि हम पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बना रहे हैं।

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