रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई जारी है और युद्ध के सातवें दिन बुधवार तक उत्तराखंड के 41 छात्र भारत सुरक्षित वापस लौट चुके हैं. वहीं सरकार का दावा है कि वहां पर राज्य के 282 छात्र थे और इसमें से 41 छात्रों को देश में वापस लगा गया है. छात्र भारत सुरक्षित वापस लौट चुके हैं. वहीं सरकार को उम्मीद है कि जल्द ही सभी छात्र वापस लौट आएंगे. इस मामले में राज्य सरकार द्वारा बनाए गए नोडल अधिकारी और डीआईजी पी रेणुका देवी ने बताया कि बुधवार दोपहर तक वहां फंसे 282 छात्रों की जानकारी केंद्र सरकार को भेजी गई है और इसमें से अब तक 41 छात्र वापस लौट चुके हैं.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार छात्रों को वापस लाने का प्रयास कर रही और अब ज्यादातर छात्र अधिकारियों के संपर्क में आ गए हैं. उन्होंने बताया कि राज्य के ज्यादातर छात्र खुद अपनी लोकेशन अधिकारियों को दे रहे हैं और इसकी जानकारी राज्य सरकार केन्द्र से साझा कर रही है. उन्होंने कहा कि सभी छात्रों के जल्द लौटने की उम्मीद की जा रही है. वहीं कुछ छात्रों ने रेलवे स्टेशन, कुछ बॉर्डर या किसी के घर पर शरण ली हुई है. वहीं अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सभी जिलाधिकारियों से यूक्रेन में फंसे उत्तराखंड के लोगों के बारे में जानकारी ली. उन्होंने इस कार्य में लगाए गए अफसरों से छात्रों के परिवार के सदस्यों के साथ संपर्क में रहने को कहा है.
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि छात्रों और उनके परिजनों के मोबाइल नंबर को जोड़ने वाले तीन वाट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं और इन ग्रुप से अफसरों को भी जोड़ा गया है. इसके साथ ही राज्य सरकार ने यूक्रेन से आने वाले उत्तराखंड के लोगों के लिए दिल्ली और मुंबई में भी समन्वय केंद्र स्थापित किए गए हैं. इन जगहों पर आने वालों के लिए आवास और भोजन की व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही उन्हें दिल्ली से उनके घर तक लाने के लिए राज्य की तरफ से व्यवस्था की गई है. इसके सात ही राज्य सरकार ने समन्वय के लिए सचिव विनोद कुमार सुमन को नोडल अधिकारी के रूप में दिल्ली भेजा है.
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