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चुनाव आयोग ने उम्मीदवारों के खर्च का रेट किया तय।


चुनाव के दौरान अगर नेताजी के स्टार प्रचारक या खास समर्थक ने नैनीताल की वादियों में रहने का मन बनाया तो बजट गड़बड़ा जाएगा। निर्वाचन आयोग ने केएमवीएन से संबंधित होटल में एक दिन का किराया दो हजार तय किया है। जबकि हल्द्वानी में साधारण कमरा 800 रुपये में भी मिल जाएगा और कमरे से निकल पूरा दिन इनोवा गाड़ी से प्रचार करने पर तेल के अलावा किराये के रोज तीन हजार रुपये खाते में जुड़ते रहेंगे। छुटमुट सभा के दौरान गरमाहट का अहसास पाने को चलाया गया हीटर भी उम्मीदवार को 100 रुपये का पड़ेगा। चाय की चुस्की दस रुपये से कम में नहीं मिलेगी। यह निर्वाचन विभाग की तरफ से तय खर्च की दरें हैं। इसलिए दिल खोलकर नहीं, बल्कि समझकर खर्च करें।

विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों के प्रचार में होने वाले खर्च से लेकर सभाओं की दर भी निर्वाचन विभाग तय करता है। 2022 के चुनाव को लेकर झंडे, बैनर, पोस्टर, कुर्सी, टेंट, गाड़ी से लेकर हर चीज का रेट तय हो चुका है। यानी चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवार को लिखित में बिल देना होगा। अधिकांश में जीएसटी भी जुड़ेगा। तय दरों के मुताबिक नैनीताल और हल्द्वानी में केएमवीएन से संबंधित होटल की दर अलग-अलग है। नैनीताल में एसी रूम 2300, हल्द्वानी में 1500, नैनीताल में साधारण कमरा 2000 और हल्द्वानी में 800, नैनीताल में फैमिली सूट 3500 तो हल्द्वानी में 2600 में मिल जाएगा।

बड़े नेता के आने पर अक्सर माला की जगह महामाला मंगवाई जाती है। ताकि 8-10 नेता बीच में खड़े होकर हंसता हुआ पोज बनाएं। इसके लिए रोजाना 8000 देने पड़ेंगे। बुके का दाम 400 है। इसलिए एक से काम चलाना बेहतर रहेगा। पांच सीटर सोफा 500 और थ्री सीटर का 300 किराया होगा। भीड़ के लिए बढिय़ा कुर्सी मंगाने पर हर कुर्सी का 25 रुपये किराया जुड़ जाएगा।

एक दिन का नाटक 8000 रुपये में

चुनाव प्रचार में नुक्कड़ नाटक के जरिये माहौल बनाने का प्रयास किया जाता है। इसके लिए प्रतिदिन के 8000 रुपये खाते में जुडेंग़े। अगर दस लोगों से ज्यादा की टीम पूरे बैंड सिस्टम के साथ नजर आ गई तो 15 हजार रुपये का खर्चा और बढ़ेगा। इसके अलावा हर समर्थक को टोपी पहनाने में तीन रुपये के हिसाब से खर्चा जुड़ेगा।

चुनाव के दौरान राजनैतिक दलों को फोटो और वीडियो का शौक रहता है। ताकि मीडिया और इंटरनेट मीडिया को पहुंचा सके। इसलिए फोटोग्राफी के रोज दो हजार और वीडियोग्राफी के तीन हजार रुपये देने होंगे। ड्रोन का इस्तेमाल हर घंटे 500 रुपये खाते में जुड़वा देगा।

काफी नहीं चाय से काम चलाओ

दुकान से मंगाओ या खुद बनाओ। चुनावी सभा की चाय दस और काफी बीस रुपये में पड़ेगी। समोसा 12 और राजमा चावल की एक प्लेट के निर्वाचन आयोग 40 रुपये जोड़ेगा। इसके अलावा चुनाव कार्यालय का न्यूनतम 15 हजार रुपये महीने के हिसाब से प्रत्याशी के खाते में शामिल होगा। वहीं, बस से समर्थकों को लाने ले जाने पर रोज सात हजार और प्रचार में शामिल एक बाइक का 600 रुपये किराया माना जाएगा।

निर्वाचन विभाग ने फिलहाल प्रचार से जुड़ी 159 चीजों की दर तय की हैं। जिसमें से 40 जीएसटी के दायरे में हैं। 10 से 20 प्रतिशत जीएसटी चार्ज भी उम्मीदवार के खाते में जुड़ेगा। बैनर, पोस्टर के अलावा कुछ इलेक्ट्रानिक आयटम पर 10 प्रतिशत और होर्डिंग, पंपलेट आदि पर 20 प्रतिशत जीएसटी भी लगेगा। खास बात यह है कि 159 चीजों के अलावा उम्मीदवार के प्रचार-प्रसार में अगर कोई अन्य सामग्री मिली तो निर्वाचन विभाग बाजार दर के हिसाब से उसके पैसे भी खाते में जोड़ देगा।

साइज के मुताबिक पोस्टरों का 800 से दो हजार तक प्रति एक हजार का दाम।

साइज के मुताबिक झंडों का 200 से 1800 तक प्रति एक हजार का दाम।

अलग-अलग बैनरों का अलग दाम। 100 से 450 तक खाते में जोड़े जाएंगे।

साइज व क्वालिटी के हिसाब से होर्डिंग का पैसा। 25 से 1600 प्रति फीट तक।

ड्राइवर का रोजाना 700 और मजदूर का 500 रुपये उम्मीदवार के खाते में जुड़ेगा।

प्रचार में शामिल टेंपो का 1200, रिक्शा 800, ट्रक 3500 और जीप का 1500 रोज।

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