गिनती में मामूली अंतर से पीछे होने के बाद भी उत्तराखंड की मातृशक्ति ने लोकतंत्र के महापर्व में पुरुषों को आईना दिखाने का काम किया है। हर क्षेत्र में अपनी क्षमता का लोहा मनवा रहीं महिलाएं मतदान के मामले में एक कदम आगे नजर आती हैं। प्रदेश की छह विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां महिलाएं संख्या बल में भी नंबर वन हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो इन सीटों पर नेताओं का भविष्य तय करने में आधी आबादी के हाथ पूरी बाजी होगी।
मतदाता संख्या के लिहाज से देहरादून जिले की धरमपुर उत्तराखंड की सबसे बड़ी सीट है। यहां मतदाताओं की संख्या दो लाख से अधिक पहुंचती है। दूसरी ओर रुद्रप्रयाग ऐसा जिला है जहां दो सीटों को मिलाकर भी मतदाताओं की संख्या दो लाख तक नहीं पहुंचती है। पुरुषों से आगे रहने के मामले में पिथौरागढ़ जिले की तीन, रुद्रप्रयाग की दो व अल्मोड़ा जिले की एक सीट शामिल है। यह सभी छह सीटें दूरस्थ क्षेत्रों से आती हैं। महिला वोटरों को रिझाने के लिए रानजीतिक दल अपने एजेंडे में क्या दावे करते हैं, इसकी तरफ वोटरों की नजर ।
महिला वोटरों को रिझाने के लिए राजनीतिक दलों के अपने-अपने नारे-दावे हैं। पिछले दिनों हल्द्वानी आए पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि हमारी माताओं, बेटियों ने अभाव झेला है। रसोई का धुआं, शौचालय का अभाव, कच्ची छत टपकना, बीमार बच्चे का इलाज जैसे अभाव से महिला लड़ती है। कांग्रेस 40 प्रतिशत टिकट महिलाओं को देने की बात कह रही है। पूर्व सीएम हरीश रावत कह चुके हैं कि कांग्रेस चुनो, रसोई गैस सिलिंडर 600 पार नहीं जाएगा। आप की दिल्ली विधायक आतिशी ने हल्द्वानी की जनसभा में कहा था कि पुरुष कुछ भी करें, महिलाएं आप को ही वोट देंगी।
अधिक महिला वोटर वाली सीटें
सीट महिला पुरुष
केदारनाथ 45516 43955
रुद्रप्रयाग 51862 51389
धारचूला 43900 43581
डीडीहाट 42141 40600
पिथौरागढ़ 55103 54068
द्वाराहाट 46987 45476
सर्वाधिक मतदाता वाली सीटें
धरमपुर 205524
रुद्रपुर 191391
रायपुर 176460
काशीपुर 175420
कालाढूंगी 170621
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