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कोरोना वायरस के बाद अब जीका वायरस ने फैलाया दहशत।


एक तरफ कोरोना वायरस थमने का नाम नहीं ले रहा, वहीं दूसरी तरफ अन्य वायरस भी अपना प्रकोप दिखाने से चूक नहीं रहे हैं। आए दिन कोरोना के नए वैरिएंट सामने आ रहे हैं, तो जीका वायरस भी संक्रमण फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। इस साल देश के कई राज्यों से जीका वायरस के संक्रमित मरीज सामने आए हैं। जिन प्रदेशों में जीका वायरस के मामले मिले हैं उनमें उत्तर प्रदेश, केरल और महाराष्ट्र सरीखे राज्य हैं।

आंकड़ों के मुताबिक, 27 नवंबर तक उत्तर प्रदेश में जीका वायरस के कुल 149 मामले मिले। तो वहीं, महाराष्ट्र में 83 और केरल में एक मामला दर्ज किया गया। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने एक लिखित जवाब में बताया कि केंद्रीय टीमों ने स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशों के मुताबिक जीका वायरस रोकथाम योजनाओं को लागू करने के लिए राज्य और जिला अधिकारियों के साथ काम किया है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने जीका वायरस के रोकथाम के लिए एक कार्य योजना तैयार की है। जिसे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अपनाया जा सकता है और उनकी आवश्यकता के अनुसार संशोधित भी किया जा सकता है।

वहीं, जीका वायरस से संक्रमित व्यक्तियों के टेस्ट और इलाज के लिए बुनियादी ढांचा और विशेषज्ञों के बारे में सवाल पर, पवार ने कहा कि देश में जीका से संक्रमित व्यक्तियों की टेस्टिंग और इलाज के लिए आवश्यक विशेषज्ञ और बुनियादी ढांचा मौजूद है। ज्यादा जानकारी देते हुए मंत्री ने बताया कि जीका वायरस से पीड़ित मरीज में हल्का बुखार, खांसी, मायलगिया, अस्टेनिया और खुजली हो सकती है। यह बीमारी आमतौर पर दो से सात दिनों तक रहती है, साथ ही इसमें मृत्यु का खतरा संभवत कम होता है। हालांकि, गर्भावस्था के दौरान जीका वायरस से संक्रमित महिलाओं से पैदा होने वाले बच्चों में न्यूरोलॉजिकल अक्षमताओं और विकृतियों के मामले सामने आए हैं। जिसको लेकर सरकार काम कर रही है।

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