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आज विजयदशमी पर घोषित होगी बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि।


चारधाम यात्रा के लिए अब कम समय बचा है। अगले माह चारों धामों के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। केदारनाथ व यमुनोत्री धाम के कपाट छह नवंबर को भैया दूज के दिन बंद होंगे। वहीं, गंगोत्री धाम के कपाट पांच नवंबर को गोवर्धन पूजा के दिन बंद होंगे। इसकी औपचारिक घोषणा शुक्रवार को विजयादशमी पर होगी।

उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि शीतकाल के लिए बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि विजयदशमी के दिन शुक्रवार को घोषित होगी। इसी दिन आगामी यात्राकाल 2022 के लिए हक-हकूकधारियों को पगड़ी भेंट की जाएगी। इसी तरह द्वितीय केदार मद्महेश्वर व तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट बंद होने की तिथि, डोली यात्रा कार्यक्रम और मद्महेश्वर मेला की तिथि भी विजयदशमी के अवसर पर ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में तय होगी।

मध्य हिमालय में चतुर्थ केदार के रूप में विख्यात भगवान रुद्रनाथ के कपाट 17 अक्तूबर को कार्तिक संक्रांति के पावन पर्व पर ब्रह्ममुहूर्त में अभिषेक पूजा के बाद शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष अनसूया प्रसाद भट्ट, रुद्रनाथ के पुजारी धर्मेंद्र तिवाड़ी, गोपीनाथ-रुद्रनाथ मंदिर के प्रबंधक आशुतोष भट्ट और हक-हकूकधारी देवेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि उसी दिन भगवान की उत्सव डोली पनार बुग्याल और सगर गांव से होते हुए शीतकालीन गद्दीस्थल गोपेश्वर स्थित गोपीनाथ मंदिर में विराजमान हो जाएगी।

यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया भैया दूज के दिनर छह नवंबर को सुबह 11 बजकर 43 मिनट से शुरू हो जाएगी और अभिजीत मुहूर्त पर दोपहर साढ़े 12 बजे कपाट बंद हो जाएंगे। यह जानकारी यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश उनियाल और पुरोहित महासभा के अध्यक्ष पुरुषोतम उनियाल ने दी। उन्होंने कहा कि इससे पहले सुबह आठ बजे मायके खरशाली से मां यमुना के भाई समेश्वर देवता शनिदेव की डोली बहन को लेने यमुनोत्री के लिए रवाना होगी। फिर शीतकाल में मां यमुना की उत्सव मूर्ति खरशाली स्थित यमुना मंदिर में विराजमान रहेगी।

त्योहारी सीजन में विश्व प्रसिद्ध चारधामों के दर्शन के लिए तीर्थ यात्रियों की तादाद लगातार बढ़ रही है। अब तक सवा लाख यात्रियों ने बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम के दर्शन किए हैं। बाबा केदार के दर्शन के लिए 8354 यात्री हेली सेवा से पहुंचे हैं।

प्रदेश में अगले महीने चारधामों के कपाट शीतकाल के लिए बंद होने से यात्रा भी स्थगित हो जाएगी। यात्रा के अंतिम दिनों में बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम में दर्शनों के लिए तीर्थ यात्रियों की तादाद बढ़ रही है। उत्तराखंड देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुताबिक गुरुवार को चारधामों में 7823 यात्रियों ने दर्शन किए। अब तक चारधामों में 1,14,195 तीर्थ यात्री दर्शन कर चुके हैं।

देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मीडिया प्रभारी हरीश गौड़ ने बताया कि 18 सितंबर से चारधाम यात्रा शुरू हुई थी। अब तक चारधामों में दर्शन करने वाले यात्रियों की संख्या एक लाख पार हो चुकी है। ई-पास की व्यवस्था समाप्त होने से चारधाम यात्रा में आने वाले यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

यात्रा पर जाने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए बस टर्मिनल ऋषिकेश में निशुल्क कोविड जांच केंद्र स्थापित किया गया है। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए चारधामों में नियमों का पालन करने के लिए लगातार निगरानी की जा रही है। साथ ही यात्रियों की सुविधाओं का विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

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